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आपकी बात, साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर गंभीरता नजर क्यों नहीं आती?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुरOct 23, 2024 / 04:50 pm

Gyan Chand Patni

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तकनीकी कौशल की कमी
साइबर अपराध रोकने के लिए उच्च तकनीकी कौशल की बहुत आवश्यकता है। साइबर तकनीक तेजी से बदलती है और साथ-साथ अपराध के तरीके भी बदलते रहते हैं। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन तकनीकों में बदलाव के साथ चलने में असमर्थ नजर आती हैं। साइबर कानून भी सख्त नहीं हंै। इसी कारण साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही है।
-लहर सनाढ्य, उदयपुर
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साइबर सावधानी रखें
आजकल सारे काम ऑनलाइन होने लगे हैं। इसलिए सावधानी की सख्त आवश्यकता है। कोई भी ऑनलाइन कार्य करें तो किसी भी अन्य व्यक्ति को ओटीपी और सीवीवी की जानकारी न दें। साइबर अपराध के मामले में सख्त सजा का प्रावधान हो और पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरू
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कड़ा कानून नहीं
साइबर अपराध रोकने के लिए कोई कड़ा कानून न होने की वजह से ऐसे अपराध नहीं रुक रहे। पुलिस भी ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं करती। इससे साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद हंै।
  • इन्द्रपाल ढाका भादरा हनुमानगढ़
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अपराधी चुस्त, जिम्मेदार सुस्त
साइबर अपराधों की रोकथाम को लेकर गंभीरता इसलिए नजर नहीं आती, क्योंकि शातिर साइबर अपराधी ‘तू डाल-डाल तो मैं पात-पात’ की तर्ज पर नित नए तरीकों को अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं और जिम्मेदार इन्हें पकड़ नहीं पा रहे हैं । – वसंत बापट, भोपाल
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लापरवाही का परिणाम
सरकार लोगों को आगाह करती है कि अनजान लिंक या नम्बरों पर रिप्लाई न करें। फिर भी लोग इनके चक्कर में आकर अपना नुकसान करा लेते हैं।
-अशोक कुमार शर्मा, जयपुर
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सभी का सहयोग जरूरी
साइबर अपराधों को अंजाम देने वाले आए दिन नए हथकंडे अपनाते हैं। इनको रोकने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। फ्रॉड लिंक भेजने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
-निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़
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तकनीक की कमी
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए आवश्यक तकनीक की कमी मुख्य वजह है। बिना किसी मजबूत तकनीक के साइबर ठग पकड़ में नहीं आ पाते हैं।
-अजय जांगिड़, सोनड़ी, नोहर

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