किशोरों को सही सीख दें
किशोरों को अपराधों की दुनिया से बचाने के लिए माता-पिता को सजग रहने की आवश्यकता है। किशोरों को अंधा लाड नहीं करके समय दें। बच्चों की गतिविधियों को मां-बाप नजरअंदाज कदापि न करें। उन्हें सदाचरण की सीख देना मां-बाप का फर्ज है। -ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा, मप्र
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किशोरों को अपराधों की दुनिया से बचाने के लिए माता-पिता को सजग रहने की आवश्यकता है। किशोरों को अंधा लाड नहीं करके समय दें। बच्चों की गतिविधियों को मां-बाप नजरअंदाज कदापि न करें। उन्हें सदाचरण की सीख देना मां-बाप का फर्ज है। -ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा, मप्र
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सही मार्गदर्शन की जरूरत
किशोर अवस्था बहुत ही नाजुक होती है। यह अवस्था बच्चों की नींव होती है। अगर सही मार्ग चुना तो उज्ज्वल भविष्य और गलत चुना तो अपराधी। सही मार्गदर्शन से किशोरों को अपराध की राह पकडऩे से रोका जा सकता है। यह मार्गदर्शन माता-पिता, शिक्षक एवं समाज सुधारक कर सकते हैं।
किशोर अवस्था बहुत ही नाजुक होती है। यह अवस्था बच्चों की नींव होती है। अगर सही मार्ग चुना तो उज्ज्वल भविष्य और गलत चुना तो अपराधी। सही मार्गदर्शन से किशोरों को अपराध की राह पकडऩे से रोका जा सकता है। यह मार्गदर्शन माता-पिता, शिक्षक एवं समाज सुधारक कर सकते हैं।
- चित्रांशू सिंह जोधा, नागौर
……………….. चरित्र निर्माण पर ध्यान दें
किशोरों को अपराध की राह पकडऩे से रोकने के लिए उनका चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास अतिआवश्यक है। इसके लिए युवाओं को सही दिशा और सही निर्देशों की आवश्यकता है। उन्हें मोबाइल से जितना हो सके उतना दूर रखा जाए। किशोरों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए, जिससे वे गलत रास्ते पर न जा पाएं। वे अपना लक्ष्य निर्धारित कर सिर्फ और सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हों।
-राकेश मोहनलाल कुमावत, देवास, मप्र
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किशोरों की मानसिकता को समझकर,उन्हें बढिय़ा माहौल दें। उनको अपराधों के दूरगामी खराब परिणामों के बारे में समझाया जाए। किशोर अवस्था बड़ी नाजुक होती है, अभिभावक उनकी बातों पर गौर करें। उन्हें पास बैठाकर उपदेशात्मक लहजे में नहीं, अनुभवों से समझाएं। साथ ही अच्छी संगति में बैठने की सलाह दें, क्योंकि चरित्र चाहे कितना ही दृढ़ हो संगति का असर होता ही है। -निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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जरूरी है नैतिक शिक्षा
किशोरों के बौद्धिक विकास के लिए आध्यात्मिक वातावरण का विकास किया जाना चाहिए। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कार्यशाला आयोजित कर उनको सामाज सेवा के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
-अभिषेक द्विवेदी, रीवा
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किशोरों के बौद्धिक विकास के लिए आध्यात्मिक वातावरण का विकास किया जाना चाहिए। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कार्यशाला आयोजित कर उनको सामाज सेवा के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
-अभिषेक द्विवेदी, रीवा
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सही मार्गदर्शन की जरूरत
किशोरों को सही मार्गदर्शन दिया जाए। जब किशोरों को लगता है कि वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनसे प्यार किया जाता है, तो वे अपराध के मार्ग पर जाने से बचेंगे।
-राजूराम प्रजापत, नागौर
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किशोरों को सही मार्गदर्शन दिया जाए। जब किशोरों को लगता है कि वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनसे प्यार किया जाता है, तो वे अपराध के मार्ग पर जाने से बचेंगे।
-राजूराम प्रजापत, नागौर
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बच्चों को धर्म से जोड़ें
विलासितापूर्ण जवीनशैली की इच्छा भी किशोरों को अपराध की राह की ओर ले जाती है। धर्म के प्रति निष्ठावान बनाकर बच्चों को अपराध के मार्ग से बचाया जा सकता है, लेकिन उन्हें कट्टरता से दूर रखा जाना चाहिए।
-फजल अकबर जई, बैतूल, मप्र
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विलासितापूर्ण जवीनशैली की इच्छा भी किशोरों को अपराध की राह की ओर ले जाती है। धर्म के प्रति निष्ठावान बनाकर बच्चों को अपराध के मार्ग से बचाया जा सकता है, लेकिन उन्हें कट्टरता से दूर रखा जाना चाहिए।
-फजल अकबर जई, बैतूल, मप्र
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बच्चों को दें अच्छे संस्कार
किशोरों को अपराध के राह पर जाने से रोकने के लिऐ सबसे पहले उन्हें नशीले पदार्थों से दूर रखना होगा। मां-बाप अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छे संस्कार दें। उनसे दोस्त जैसा व्यवहार करें। बच्चो पर नजर बनाए रखें और यह देखें कि उनके दोस्त कैसे हैं।
-अनुपमा तिवारी, जयपुर
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किशोरों को अपराध के राह पर जाने से रोकने के लिऐ सबसे पहले उन्हें नशीले पदार्थों से दूर रखना होगा। मां-बाप अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छे संस्कार दें। उनसे दोस्त जैसा व्यवहार करें। बच्चो पर नजर बनाए रखें और यह देखें कि उनके दोस्त कैसे हैं।
-अनुपमा तिवारी, जयपुर
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मित्र समूह का असर
मित्र समूह एक किशोर के लिए अपराध की दुनिया का दरवाजा खोलता है। वर्तमान में सोशल मीडिया पर अनर्गल हरकतें करने वाले मित्रों की रील पर आते व्यूज से किशोर प्रभावित हो जाते हैं। कई बार बड़े भी उनकी तारीफ करने लगते हैं। यही शरारतें उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देती हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर ऊल-जुलूल चीजों को बढ़ावा देने की बजाय बच्चों में नैतिकता एवं सत्यनिष्ठा जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए।
मित्र समूह एक किशोर के लिए अपराध की दुनिया का दरवाजा खोलता है। वर्तमान में सोशल मीडिया पर अनर्गल हरकतें करने वाले मित्रों की रील पर आते व्यूज से किशोर प्रभावित हो जाते हैं। कई बार बड़े भी उनकी तारीफ करने लगते हैं। यही शरारतें उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देती हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर ऊल-जुलूल चीजों को बढ़ावा देने की बजाय बच्चों में नैतिकता एवं सत्यनिष्ठा जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए।
- अक्षय पटेल, जोधपुर
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अभिभावक किशोरों की परवरिश सही तरीके से करें। उन्हें नैतिक, सामाजिक व सकारात्मक बनने के साथ जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा दें।
राज कुमार गरासिया, पाली
…………….. अच्छे संस्कार दें
बच्चों को बचपन से ही अगर बच्चे को अच्छे संस्कार दिए जाएं तो किशोर गलत राह पर नहीं चलेंगे। हर हाथ में मोबाइल है। किशोर उसको देखते रहते हैं और नेट से अपराध करने के तरीके भी देखते रहते हैं। अश्लील सामग्री भी उपलब्ध है, जिसे देख कर ही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। आर्थिक समस्या होने पर अपराध का मार्ग भी आसानी से पकड़ लेते हैं।
-लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़