पिछले कुछ समय से मैं जापानी अवधारणा ‘इकिगाई’ के विषय पर चर्चा कर रहा हूं। एक लीडर के रूप में यह जरूरी है कि हम हमारी भूमिका और उसके प्रभाव के परिप्रेक्ष्य से हमारे कार्यस्थल पर ‘इकिगाई’ को खोजें। हम टीम के मूल्यों, उसकी ताकत और कमजोरियों, और सामान्य जरूरतों के साथ-साथ टीम की क्षमता की पहचान कर उसके उद्देश्य को समझ सकते हैं। इस दृष्टिकोण से हम वित्तीय और सामाजिक मूल्य उत्पन्न करने के लिए अवधारणा का पता भी लगा सकते हैं। इकिगाई मात्र अपने उद्देश्य का पता लगाने के बारे में नहीं है, यह पूर्णता की भावना प्राप्त करने के लिए लगातार इसके साथ एकजुट हो कर, इसमें समाहित हो कर काम करने के बारे में भी है। इस प्रकार, यह एक गंतव्य नहीं, बल्कि एक यात्रा है और इसीलिए, इकिगाई की खोज के बाद उस पर कार्रवाई करना भी अनिवार्य है।
संगठनात्मक या नेतृत्व के उद्देश्यों, और संगठन की रणनीतियों, व्यवहारों और प्रक्रियाओं के बीच मौजूद अंतर की पहचान करना आवश्यक है। यदि ये हमारे मिशन या उद्देश्य के अनुरूप नहीं हैं, तो इनमें सुधार किया जाना चाहिए। उद्देश्य के इस अंतर को समझने के लिए अवलोकन के माध्यम से स्पष्ट प्रतिक्रिया प्राप्त करना एक तरीका हो सकता है। यही हमें संगठन और हमारे उद्देश्य को संरेखित करने में मदद कर सकता है। संगठनात्मक या टीम-स्तरीय उद्देश्य और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए काम करते समय, इसे स्पष्ट रूप से संप्रेषित करना महत्त्वपूर्ण है। यह अक्सर एक ही मिशन की अलग-अलग धारणाएं होती हैं जिससे टीमों के बीच गलतफहमियां और अस्पष्टता विकसित होती हैं।
इसके समाधान के रूप में इकिगाई के पांच स्तम्भों का उपयोग किया जा सकता है। कैसे, यह जानना जरूरी है। न्यूरोसाइंटिस्ट केन मॉगी ने अपनी पुस्तक ‘द लिटिल बुक ऑफ इकिगाई – द सीक्रेट जापानी वे टु लिव ए हैप्पी एंड लॉन्ग लाइफ’ में इन स्तम्भों का वर्णन किया है। ये हैं द्ग छोटे बदलावों से शुरुआत करना (और विवरण पर ध्यान देना), खुद को और स्थिति को स्वीकार करना, सद्भाव के पहलुओं और उद्देश्य और महत्त्वाकांक्षा की स्थिरता को प्रतिबिंबित करना, छोटी चीजों और जीवन की यात्रा में खुशी खोजना और वर्तमान में जीना।
कोई बड़ा कदम उठाने से पहले उद्देश्य पर विचार करने और उसके साथ दृष्टिकोण की तुलना करने का निरंतर अभ्यास जारी रखें। एक लीडर के लिए यह याद रखना आवश्यक है कि उसकी इकिगाई की खोज उसके लिए अपनी यात्रा में आगे बढऩे के लिए ऊर्जा और उत्साह का स्रोत है। यह सुनिश्चित करेगी कि वे कुछ रचनात्मक सृजन कर सकते हैं, और नेतृत्व कौशल में सुधार से वे मूल्यवान प्रभाव विकसित करने के साथ ही स्वयं भी अपने उद्द्देश्य की ओर बढ़ सकते हैं द्ग यही तो सफल नेतृत्व का उद्देश्य है।