हिन्दू मान्यता के अनुसार दिव्य त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से भगवान विष्णु को पालनहार माना जाता है, जो विभिन्न अवतारों का रूप धारण कर इस ब्रह्मांड का प्रबंधन करते हैं। उन्हें एक प्रभावी लीडर और प्रबंधक के रूप में देखा जा सकता है। भगवान विष्णु को कला और रेखाचित्रों में 4 भुजाओं वाले देवता के रूप में दर्शाया गया है, जिनमें उन्होंने शंख, चक्र, गदा और कमल धारण किया हुआ है। ये चारों ऐसे ‘अस्त्र’ या उपकरणों को दर्शाते हैं, जो उन्हें प्रभावी रूप से नेतृत्व और प्रबंधन करने में सक्षम बनाते हैं। आइए, हम इन्हीं अस्त्रों का नेतृत्व में महत्व समझते हैं-
शंख – प्राचीन समय में घोषणाओं और संकेतों के लिए शंख का इस्तेमाल किया जाता था। शंख एक लीडर को स्पष्ट और पारदर्शी संचार माध्यमों को विकसित करने और यह सुनिश्चित करने की सलाह देता है कि सभी प्रकार के विचारों और सुझावों को बिना किसी हिचकिचाहट के साझा किया जाना चहिए।
चक्र – भगवान विष्णु का चक्र धुरी के रूप में उनकी तर्जनी उंगली पर घूमता है। यह एक तंत्र की निरंतर बदलाव की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे एक बुद्धिमान लीडर को स्वीकार करना चाहिए। चक्र यह भी दर्शाता है कि मौजूदा प्रक्रियाओं में लगातार समीक्षा और प्रतिक्रिया को शामिल किया जाना चाहिए।
गदा- यह नीतियों और मानकों के मजबूत ढांचे का प्रतिनिधित्व करती है, जो एक लीडर को अनुशासन और गुणवत्ता बनाए रखते हुए कर्मचारियों का समर्थन करने के लिए स्थापित करना चाहिए। कमल पुष्प- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रबंधक या लीडर की ओर से प्रदान की जाने वाली मान्यता और पुरस्कार को कमल के माध्यम से संदर्भित किया गया है। कमल मटमैले पानी में पनपता है, जो दर्शाता है कि वह अनन्य है, सामान्य से अलग है और अपनी सम्पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल कर रहा है।
सभी प्रबंधक / लीडर इन उपकरणों का उपयोग विभिन्न अनुपातों में करते हैं, लेकिन स्थिति के अनुसार एक सही संतुलन बनाना ही प्रभावशाली होता है।