देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। इसी बीच तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसका एकमात्र कारगार हथियार टीकाकरण है। सभी राज्यों को फार्मा कंपनियों से सीधे तौर पर वैक्सीन खरीदने की अनुमति भी दी जा चुकी है। इस बीच कई राज्यों ने ‘ग्लोबल टेंडरÓ जारी कर, अपने प्रदेश की जनता के लिए वैक्सीन हासिल करने के कदम उठाए, लेकिन किसी भी राज्य को इसमें सफलता नहीं मिली है। बहुत सी दवा निर्माता कंपनियों ने या तो राज्यों द्वारा निकाले गए ग्लोबल टेंडर का कोई जवाब नहीं दिया, या फिर साफ तौर पर ये कहा कि वैक्सीन बेचने के लिए केंद्र सरकार से ही समझौता किया जा सकता है, राज्य सरकारों से नहीं। अत: अब केंद्र सरकार का यह दायित्व बनता हैं कि वह वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करे और राज्यों को वैक्सीन दे।
-सी.पी.गोदारा, ओसियां,जोधपुर
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बहुत से राज्यों ने ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं, लेकिन किसी भी कंपनी ने आगे हाथ नहीं बढ़ाया है। दिल्ली सहित कई राज्यों ने अपने स्तर पर प्रयास किए, लेकिन कोई भी कामयाबी इनको हाथ नहीं लगी। पूरे राष्ट्र की समूची जनसंख्या के लिए एक प्लान केंद्र ही बना सकता है। केंद्र बहुत सारी कंपनियों को लाइसेंस देकर टीका बनवा सकता है। इससे टीका जल्दी लगेगा।
-डॉ. माधव सिंह, श्रीमाधोपुर
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एक देश, एक टीकाकरण कार्यक्रम
वैसे तो स्वास्थ्य राज्य सूची का विषय है, लेकिन विगत कुछ वर्षों से इसे समवर्ती सूची में स्थानांतरित करने की सलाह दी जा रही है। कोरोना वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी यदि केंद्र सरकार निभाए, तो शायद बेहतर परिणाम निकल सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो एमओयू साइन किए जाते हैं, उनका प्रभाव अधिक होता है और देश की एकता अखंडता भी बनी रहती है। विवादों की स्थिति से बचा जा सकता है। इस क्षेत्र में राज्यों के पास व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञों की कमी के साथ तकनीकी अनुसंधान विभागों का अभाव भी है। बेहतर तो यह है कि एक देश एक टीकाकरण व्यवस्था अपनाई जाए।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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केंद्र को केवल वैक्सीन व अन्य जरूरी दवाइयों की वितरण व्यवस्था संभालनी चाहिए। सरकार अपने पास उपलब्ध सामग्री को उनकी मांग के अनुसार राज्यों को वितरित करे। राज्य जिलों को टीके उपलब्ध करवाए और जिले टीकाकरण व दवाइयों की व्यवस्था संभालें। अकेले केंद्र ही सब कुछ करेगा तो समुचित व्यवस्था में व्यवधान आ सकता है। अत: कार्य का विकेन्द्रीकरण करने से राज्य की जवाबदारी बनेगी व कार्य व्यवस्थित भी होगा।
-शकुंतला महेश नेनावा, इंदौर, मप्र
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अगर कोरोना टीकाकरण की कमान केंद्र सरकार के हाथों में हो तो भी कोई विशेष फर्क पडऩे वाला नहीं है, क्योंकि जब तक टीको का उत्पादन रफ्तार नहीं पकड़ेगा तब तक देश के हर व्यक्ति को टीका लगवाना असंभव है। साथ ही लोगों में टीकों के प्रति भ्रांतियां भी खत्म करनी होगी। इस मुहिम में आंगनबाड़ी, आशा सहयोगियों, सरपंच, स्थानीय अध्यापकों, विधायकों, का सहयोग लिया जा सकता है। इसके बावजूद केंद्र को राज्य सरकारों से सहयोग लेना पड़ेगा और बेहतर तालमेल बिठाकर टीकाकरण के कार्यक्रम को अंजाम देना पड़ेगा।
-प्रकाश चन्द्र राव, भीलवाड़ा
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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। यदि यह लहर आती है, तो बच्चों पर ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, ऐसा विशेषज्ञ मान रहे हैं। ऐसे में बड़ों के साथ बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण अहम है। टीकों की कमी बड़ी समस्या है। निजी अस्पताल, राज्य और केंद्र सरकार के लिए दाम भी अलग हैं। दूसरी तरफ राज्यों की ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया सफल नहीं हुई। ऐसे में केंद्र सरकार को टीकाकरण को अपने हाथों में लेकर उच्च क्षमता के साथ टीकाकरण करना चाहिए।
-अणदाराम बिश्नोई, जयपुर
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कोरोना टीकाकरण की कमान केंद्र सरकार संभाल ले तो बेहतर होगा, क्योंकि अब तक यह देखा गया है कि केंद्र सरकार की देख- रेख में ही टीकाकरण की व्यवस्था ठीक रहती है। जब से यह काम राज्य सरकारों पर सौंपा गया है, तभी से स्थिति बिगडऩे लगी। वैक्सीन के आपूर्ति में कमी का से भी हालत बिगड़ी।
-सरिता प्रसाद, पटना, बिहार
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कोरोना टीकाकरण की कमान केंद्र सरकार को खुद संभालनी चाहिए, क्योंकि इससे अभियान की पूर्ण रूप से मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी तथा टीकाकरण अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाया जा सकेगा। साथ ही केंद्र और राज्यों के बीच टकराव की स्थिति भी नहीं बनेगी। केंद्र स्वयं अभियान का आकलन कर सकेगा इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र सरकार कोरोना टीकाकरण की कमान खुद संभाले।
-बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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कोरोना टीकाकरण की कमान केंद्र सरकार के द्वारा संभालने से यह एक केंद्रीयकृत व्यवस्था हो जाएगी जो सही नहीं होगी। इस व्यवस्था से टीकाकरण अभियान को वह गति नहीं मिल पाएगी, जो विकेंद्रीकरण व्यवस्था से मिल रही है। मेरे विचार में टीकाकरण व्यवस्था का विकेंद्रीकरण स्वरूप सही है।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार
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स्वास्थ्य राज्य सरकार का मसला है। फिर जब टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो चुका है, तो बीच में व्यवस्था बदलने से इसके पूर्ण होने में देरी ही होगी। केंद्र और राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें होने से भी समन्वय नहीं हो सकेगा।
-उदय बक्षी, कोटा
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कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने कई घरों को तबाह कर दिया। इसका सबसे बड़ा कारण है भारत में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी। बेहतर तो यह है कि कोरोना की कमान केंद्र सरकार ही संभाले। टीकाकरण की कमान केंद्र सरकार संभालती है तो सभी राज्यों को समान रूप से कोरोना के टीके मिलेंगे।
-सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
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केन्द्र ने टीकाकरण का काम राज्यों को सुपुर्द कर दिया है। टीका बनाने वाली कंपनियां गिनती की हैं। कई राज्यों ने ग्लोबल टेंडर भी किए हैं, पर कोई भी कंपनी मांग के अनुसार टीके उपलब्ध करवाने में सक्षम नहीं है। अत: केन्द्र को टीकाकरण कार्यक्रम की बागडोर अपने हाथ में लेकर टीकाकरण को गति देनी चाहिए। टीके की निर्बाध आपूर्ति की महती आवश्यकता है। अत: टीके की अधिकाधिक उपलब्धता आवश्यक है। टीकाकरण महाअभियान चलाया जाए। केंद्र और राज्यों में समन्वय रहना चाहिए।
-खुशवंत कुमार, चित्तौडग़ढ़
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टीकाकरण का विषय सीधा लोगों से जुड़ा हुआ है। भारत में प्रत्येक राज्य की स्थिति अलग है। केंद्र स्तर से उतना अच्छा प्रबंधन नहीं हो पाएगा। कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर अच्छा प्रबंधन करके टीकाकरण करवा रही हैं। अत: केंद्र सरकार राज्यों को उनकी आवश्यकता अनुसार वैक्सीन उपलब्ध करवाने में मदद करे।
-वीरभान गुर्जर अजमेर
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टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन व नियंत्रण प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार ने अपने पास रखा हुआ है। चाहे टीकाकरण के लिए पात्र नागरिकों का निर्धारण हो, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो या टीकों का मूल्य निर्धारण व व्यवस्था करना हो। इस कारण केंद्र्र व राज्य सरकारों में परस्पर सामंजस्य नहीं बन पा रहा है और टकराव बढ़ रहा है, जिसका प्रतिकूल परिणाम निकल रहा है। टीकाकरण की व्यवस्था सुधारने के लिए एक संयुक्त कमेटी गठित की जानी चाहिए, ताकि समस्याओं का उचित निराकरण हो सके।
-गिरीश कुमार जैन इंदौर
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सभी राज्यों में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है, परन्तु अभी 18 से 44 वर्ष के लिए माकूल व्यवस्था नहीं है। 45 से अधिक वर्ष वालों के लिए भी दूसरी डोज में व्यवधान आ रहा है। अत: केंद्र सरकार को पूरे देश में टीकाकरण की व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर एक जैसे नियम बनाकर सभी उम्र के लिए अलग-अलग सेंटर बनाकर टीकाकरण करना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को टीकाकरण किया जा सकता है।
-कल्याण दास नीमा, उज्जैन, मध्यप्रदेश
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जिस तरह से अन्य बीमारियों के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया था, उसी तरह से इस कोराना महामारी को राष्ट्रीय अभियान चलाकर केंद्र सरकार सभी का वैक्सीनेशन कराए। यह अभियान केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाना चाहिए।
-सुरेश खटाना, अलवर
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करोना महामारी का टीकाकरण पूर्णतया केन्द्राधीन होना चाहिए, जिससे राजनेताओं को इस समय में भी ओछी राजनीति करने का मौका भी नहीं मिलेगा। केन्द्राधीन होने से टीकाकरण की वैक्सीन के मूल्य में एकरूपता रहेगी। इससे पूरे देश में वैक्सीनेशन में एकरूपता आ जाएगी और छीजत भी कम से कम होने की संभावना रहेगी।
– आशुतोष मोदी, सादुलपुर, चूरू