Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: वेदों में किसी भी स्थान पर शूद्र के जन्म से अछूत होने, उन्हें वेदाध्ययन से वंचित रखने, उनका दर्जा कम होने अथवा उन्हें यज्ञादि से अलग रखने का उल्लेख नहीं है। सभी 24 जैन तीर्थंकर क्षत्रिय थे। वाल्मीकि डाकू थे, रामायण लिख गए। एकलव्य भील था, किन्तु उसने क्षत्रियत्व के लिए प्रयास किया था। ये सारे उदाहरण रूपान्तरण के हैं।… ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- अन्न से वर्ण परिवर्तन
•Sep 29, 2023 / 09:29 pm•
Nitin Kumar
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast
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