Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: जीवन में विभिन्न प्रकार की इच्छाएं उठती रहती हैं। आशा-निराशा के नाना भाव पैदा होते हैं। सफलता-असफलता के अनेक क्षण आते हैं। इच्छित प्राप्तियां होती भी हैं, नहीं भी होतीं। इन्हीं के कारण मन में कई प्रकार के भाव पैदा होते रहते हैं, अभिव्यक्त भी होते हैं, नहीं भी होते। ये … ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- यज्ञ : स्थूल-सूक्ष्म के मध्य का सेतु
•Feb 23, 2024 / 09:19 pm•
Gyan Chand Patni
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: यज्ञ : स्थूल-सूक्ष्म के मध्य का सेतु
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