Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: प्रकृति का प्रभाव मन पर पड़ने से सभी विषयों के बारे में निर्णय बदल जाता है। प्रकृति की भूमिका जीवन को जटिल बना देती है। चौरासी लाख योनियों के निर्माण में इस प्रकृति की मूल भूमिका है। प्रकृति ही फलेच्छा के साथ कर्म करने को प्रेरित करती है। फल प्राप्ति ही पुनर्जन्म और भोग योनियों के निर्माण का मुख्य सूत्र है… ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ श्रृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- प्रकृति ही योनियों का आधार
•Dec 17, 2022 / 08:18 am•
Giriraj Sharma
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast
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