Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: कर्मयोगी की गति क्या होती है, इसका उपदेश देते हुए कृष्ण कह रहे हैं कि जो मनुष्य सम्पूर्ण कामनाओं का त्याग करके स्पृहा रहित (कामना रहित), ममता रहित और अहंकार रहित होकर आचरण करता है, वह शान्ति को प्राप्त होता है। हे पृथानन्दन ! यह ब्राह्मी स्थिति है। इसको प्राप्त होकर कभी कोई मोहित नहीं होता। … ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- कर्मगति
•Apr 05, 2024 / 10:01 pm•
Gyan Chand Patni
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: कर्मगति
Hindi News / Prime / Opinion / शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: कर्मगति