Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: अग्नि और सोम को ही ब्रह्म और माया कहते हैं। अग्नि प्रकाशधर्मा है और कहीं तापधर्मा है। अनुभूति में आ जाता है। गतिशील भी है, अत: क्रियारूप- प्राण युक्त होकर स्पष्ट भी हो सकता है। सोम की आहुति के बाद शेष भी अग्नि ही रहता है। सारा विश्व अग्निधर्मा है। ये … ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- यात्रा लौटकर ही पूर्ण होती है
•Mar 01, 2024 / 09:09 pm•
Gyan Chand Patni
शरीर ही ब्रह्माण्ड Podcast: यात्रा लौटकर ही पूर्ण होती है
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