scriptब्रह्माण्डः एक संहिता | Shareer hee brahmmand | Patrika News
ओपिनियन

ब्रह्माण्डः एक संहिता

पृथ्वी के सभी प्राणियों की उत्पत्ति पंचाग्नि विद्या के आधार पर होती है। जीव पांच धरातलों से अपनी जीवन यात्रा करता हुआ स्थूल शरीर प्राप्त करने के लिए योनि विशेष को प्राप्त करता है। इस योनि की प्राप्ति में उसके पूर्व जन्म में किए कर्मों के फल मुख्य रूप से कारण है।

Aug 26, 2022 / 09:50 pm

Patrika Desk

sharir_hi_brahmmand.png
पृथ्वी के सभी प्राणियों की उत्पत्ति पंचाग्नि विद्या के आधार पर होती है। जीव पांच धरातलों से अपनी जीवन यात्रा करता हुआ स्थूल शरीर प्राप्त करने के लिए योनि विशेष को प्राप्त करता है। इस योनि की प्राप्ति में उसके पूर्व जन्म में किए कर्मों के फल मुख्य रूप से कारण है। यह पंचााग्नि विद्या भी ब्रह्माण्ड की एक-दूसरे के प्रति क्रियाशीलता को इंगित करती है कि एक जीव के जन्म में सभी लोकों का सहयोग रहता है। इसी प्रकार इस ब्रह्माण्ड में दधि, घृत, मधु और सोम के समुद्र हैं। समस्त पदार्थों में इन चारों सामुद्रिक तत्त्वों की अवस्थिति रहती है। चाहे वो पदार्थ पिण्डगत हो, अथवा ब्रह्माण्डगत। अत: संसार में सभी पिण्ड समष्टि भाव में कार्यरत हैं उनका प्रत्येक का भी अपना एक ब्रह्माण्ड है जैसे यह विश्व है। इसी संहितभाव की व्याख्या करते हुए तैत्तिरीय उपनिषद् में कहा गया है कि यह संहिता, पांच प्रकार की होती है।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8d9z6h

Hindi News / Prime / Opinion / ब्रह्माण्डः एक संहिता

ट्रेंडिंग वीडियो