भारत और पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं, लेकिन दोनों ने ही अभी तक परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं। हालांकि भारत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरी तरह से स्पष्ट कर चुका है कि वह कभी भी पहले परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा। भारत की लगातार बढ़ती शक्ति भी दूसरे देशों को चौंकाने वाली है। दरअसल, भारत भी सामरिक तौर पर एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्तान से घिरा हुआ है।
दोनों ही देशों से हमारे रिश्ते लगातार तल्ख बने हुए हैं। ऐसे में चीन समेत 5 परमाणु संपन्न देशों की तरफ से आया यह साझा बयान भारत के लिए सुखद हो सकता है। आज के वक्त में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, तब परमाणु युद्ध के बारे में सोचना भी बेवकूफी ही होगी। सबको पता है कि परमाणु हथियार सिर्फ विनाश को बढ़ावा देते हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। मुश्किल यह है कि इसके अप्रसार की बात भी ये देश तभी कर रहे हैं, जब वे पूरी तरह से शक्ति सम्पन्न हो गए हैं।
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दुनिया इस समय महामारी से जूझ रही है। ऐसे में सभी शक्तिशाली देशों को अपने सामरिक मुद्दों को किनारे कर दुनिया की भलाई के प्रति गंभीर रुख अख्तियार करना चाहिए। इस समय पूरी दुनिया को एक मंच पर आकर इस महामारी का मुकाबला करना होगा। भविष्य में भी इसके दुष्परिणामों से सभी देशों को दो-चार होना होगा।
इसलिए बेहतर तो है कि इस समय परमाणु शक्ति जैसे मुद्दों को दरकिनार कर कोरोना के खिलाफ जंग पर ध्यान दिया जाए। इसमें वैक्सीन ही बड़ा हथियार है। इसलिए दुनिया के सभी लोगों तक वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करना ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
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