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Patrika Opinion: चिंताजनक है पानी में घुलते जानलेवा जहर की तस्वीर

विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कहता आ रहा है कि भूजल में तय मानकों से ज्यादा रसायनों की मौजूदगी सेहत के प्रति गंभीर खतरा बन कर सामने आ रही है। यूरेनियम की मौजूदगी तो और भी ज्यादा खतरनाक है।

जयपुरOct 16, 2024 / 11:08 pm

harish Parashar

पानी के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। इसीलिए हमारे पुरखे ‘जल ही जीवन है’ मंत्र को सदियों से दोहरा रहे हैं। लेकिन जब पानी ही जहर बनकर जीवन को खत्म करने पर आमादा होता दिखे तो इसे क्या कहेंगे? यही ना कि धरती पर और आसमान में ही नहीं, बल्कि रसातल में यानी धरती के नीचे भी प्रदूषण ने जड़ें जमा ली हैं। छत्तीसगढ़ में प्रदूषित जल को लेकर आई ताजा रिपोर्ट सचमुच डराने वाली है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के छह जिलों के भूगर्भीय जल में जहरीले यूरेनियम की मात्रा तय अनुपात से तीन गुना तक ज्यादा हो गई है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि समय रहते नहीं चेते तो यह जहरीला जल कैंसर, किडनी और त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियों को बढ़ाने वाला होगा।
पानी में जहरीले यूरेनियम की खबरें गाहे-बगाहे देश के दूसरे प्रदेशों से भी आती रही हैैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड और राज्यों के भूजल विभागों के सहयोग से तैयार की गई एक रिपोर्ट में पहले भी यह तथ्य सामने आ चुका है कि आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में भी कई जगह स्थानीय स्तर पर यूरेनियम की अधिकता पाई गई है। यूरेनियम के अलावा कहीं कम और कहीं ज्यादा मात्रा में पानी में घुलते जा रहे खतरनाक रसायन इसका उपभोग करने वालों की सेहत के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की ताजा रिपोर्ट में तो यहां तक चेताया गया है कि यूरेनियम की अधिकता वाले जल के इस्तेमाल से गुर्दे (किडनी) काम करना बंद कर सकते हैं। भारी धातु यूरेनियम आम तौर पर गुर्दे में जमा हो जाती है। इससे गुर्दे के कैंसर के साथ-साथ यकृत (लिवर) और हड्डी जैसे अन्य प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं। यूरेनियम के संपर्क में आने से प्रजनन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। यूरेनियम ही नहीं, दूसरे कई खतरनाक रसायन देश के कई हिस्सों में पानी में घुलते जा रहे हैं और इन रासायनिक तत्वों की मौजूदगी के कारण गंभीर बीमारियां और शारीरिक विकृतियां पैदा होने के मामले बढ़ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कहता आ रहा है कि भूजल में तय मानकों से ज्यादा रसायनों की मौजूदगी सेहत के प्रति गंभीर खतरा बन कर सामने आ रही है। यूरेनियम की मौजूदगी तो और भी ज्यादा खतरनाक है। प्रभावी कदम उठाने की बजाय स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का दावा करने वाली सरकारी संस्थाएं भी चेतावनी वाली ऐसी रिपोर्टें सामने आने पर ही सक्रिय होती हैं। पानी में घुलते जहर से लोगों को समय रहते निजात दिलानी होगी।

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