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patrika opinion वाहन चलाते समय सुरक्षा चुनिए, मोबाइल नहीं

वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, लाल बत्ती तोडऩे की तुलना में चार गुना अधिक मौतों का कारण बन रहा है। साथ ही आइआइटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण केंद्र (टीआरआइपीसी) के अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा जानें जा रही हैं।

जयपुरSep 06, 2024 / 10:50 pm

Gyan Chand Patni

road accident
देश के विभिन्न भागों में सड़क हादसों में मौतों का ग्राफ जिस तरह से बढ़ रहा है, वह न केवल चिंताजनक है, बल्कि इस बात का भी संकेत है कि इस तरह के हादसे रोकने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे बेअसर साबित हो रहे हैं। मोबाइल ने भी इस तरह के हादसों की संख्या और बढ़ा दी है। हालत यह है कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, लाल बत्ती तोडऩे की तुलना में चार गुना अधिक मौतों का कारण बन रहा है। साथ ही आइआइटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण केंद्र (टीआरआइपीसी) के अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा जानें जा रही हैं। मोबाइल की वजह से हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 में प्रावधान भी किया गया है। 1 सितंबर 2019 को पूरे देश में नया मोटर वाहन अधिनियम लागू हुआ था। इस अधिनियम के लागू होने के बाद से ही देश के विभिन्न भागों में ट्रैफिक चालान से अर्जित राशि में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हादसों में कमी नहीं आई है। वाहन चलाते समय मोबाइल के इस्तेमाल की वजह से होने वाले हादसे भी नहीं रुक रहे हैं। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 में प्रावधान है कि गाड़ी चलाते वक्त दोनों हाथ फ्री होने चाहिए। मोबाइल तो छोडि़ए किसी भी तरह का सामान भी आपके हाथ में नहीं होनी चाहिए। वाहन चालक हैंड फ्री कम्यूनिकेशन फीचर का जरूर इस्तेमाल कर सकता है। असल में इस तरह का प्रावधान इसलिए किया गया, जिससे वाहन चालक का संतुलन नहीं गड़बड़ाए और वह सुरक्षित तरीके से गाड़ी चला सके। इसके बावजूद वाहन चालक समस्या की गंभीरता नहीं समझ रहे और वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आ रहे। साफ है कि सिर्फ नियम-कानून बनाने से काम नहीं चलने वाला। इनकी सख्ती से पालना करवाने के साथ लोगों में जागरूकता पैदा करने की भी जरूरत है।
बेशक, आज मोबाइल अब लग्जरी नहीं, बल्कि लोगों की जरूरत बन गया है। लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर सजगता नहीं बरती जा रही है। इसके जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में तो इजाफा किया ही है, पारिवारिक-सामाजिक संबंध भी प्रभावित हो रहे हैं। अब जब यह नया अध्ययन सामने आया है कि मोबाइल के कारण सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है, तो मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता और सजगता बरतने पर ध्यान आवश्यक हो गया है। खुद की और दूसरों की जान बचाने के लिए वाहन चालक मोबाइल से दूर ही रहें।

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