scriptअद्भुत प्रयोग | patrika-group-editor-in-chief-gulab-kothari-article-13-april | Patrika News
ओपिनियन

अद्भुत प्रयोग

आजादी का अमृतकाल है। राजनीति में भी स्वच्छता का दौर चल रहा है। ऐसा पिछले 75 वर्षों में किसी ने नहीं सोचा। एक ही उद्देश्य आज जनप्रतिनिधियों का रह गया है-अमीर बन जाओ। भले ही उस धन का उपयोग कोई चोर-उचक्का-माफिया करे।

जयपुरApr 16, 2024 / 09:26 am

Gulab Kothari

gulab kothari

गुलाब कोठारी
आजादी का अमृतकाल है। राजनीति में भी स्वच्छता का दौर चल रहा है। ऐसा पिछले 75 वर्षों में किसी ने नहीं सोचा। एक ही उद्देश्य आज जनप्रतिनिधियों का रह गया है-अमीर बन जाओ। भले ही उस धन का उपयोग कोई चोर-उचक्का-माफिया करे। भाजपा ने ऐसे जनप्रतिनिधियों की श्रेणियां बना ली। जो अच्छा कार्य करने वाले हैं, उनको एक नया कार्यकाल देने का मार्ग खोल दिया। जो मध्यम दर्जे के हैं उनको भी नया कार्यकाल दिया, किन्तु उनका कद कुछ छोटा करके। इन दोनों ही प्रयोगों में नाकारा लोग स्वत: बाहर निकल जाएंगे। नए युवाओं के लिए स्थान रिक्त होगा।

गत विधानसभा चुनावों के बाद जिन्हें मुख्यमंत्री बनाया। यह भी उसी प्रयोग का परिणाम है। राजस्थान में वसुंधरा राजे को हटाया, दो नए चेहरे प्रशिक्षु रूप में आए और कमान ईमानदार-निष्ठावान के हाथ में दी। चुनाव से आज तक इनका व्यवहार देखें, तो निर्णय सही लगेगा। जहां भजनलाल जमीन से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। वहीं, एक नेत्री तो मुख्यमंत्री पद के लिए छटपटा रही हैं। दूसरी तो अपने क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को ही हराने में जुटी हुई है।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने कई सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था। आज उनमें से कई अपने प्रदेशों में मंत्रिमंडल में बैठे हैं। यहां उनको पांच साल का नया कार्यकाल मिल गया। जनता सोचती थी कि इनको सजा दी है और बाहर जाने का सम्मानजनक मार्ग दिया है। जबकि इनको पुरस्कार स्वरूप दूसरा कार्यकाल दिया है। जो हार गए उनमें से कुछ को लोकसभा में टिकट दिया है। यह कटु सत्य है कि इतने बड़े देश में राष्ट्र के लिए कर्म करने वालों की कमी है। भाजपा का यह ‘फिल्टर प्लान’ सचमुच अद्भुत है।

लोकसभा में जो सांसद अपनी कार्यदक्षता व गुणवत्ता प्रमाणित नहीं कर पाए (लगभग एक सौ) उनका सीधा टिकट कट गया। दूसरी ओर राज्यसभा के वे सदस्य जिनका कार्यकाल पूरा होने वाला है- लगभग सभी को (भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, अश्विनी वैष्णव और एस. जयशंकर को छोड़कर) लोकसभा में उतार दिया। क्या अद्भुत प्रयोग है।

यह भी पढ़ें

टूटेगा दक्षिण का कमल गट्टा


जिन्होंने दो-दो, तीन-तीन कार्यकाल भोग लिए। धूप तक नहीं देखी, आज घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। जो जीतेगा वह पुन: पांच साल सांसद रहेगा। हारा सो मारा गया। सभी सांसदों को इस अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। इस छलनी में सभी कंकर बाहर भी हो जाएंगे।

आज राज्यसभा खाली-सी हो गई भाजपा सांसदों से। नई नियुक्तियों में परिवारवाद-जाति/धर्म के पासेे नहीं चलेंगे। युवा पीढ़ी संसद में पहुंचेगी। बहुत बड़ा दाव है यह भाजपा का। यह एक बड़ा प्रश्न है कि सारे सांसद पुन: जीतकर लौटेंगे? विशेषकर जो राज्यसभा के हैं। उनको चुनाव लड़ने का अनुभव ही नहीं है। त्रिवेंद्रम प्रत्याशी (भाजपा) राजीव चंद्रशेखर तो तन-मन-धन से लग रहे हैं, मेहनत भी कर रहे हैं किंतु भीतर आश्वस्त नहीं हैं कि कांग्रेस के शशि थरूर के सामने जीत पाएंगे। पूरे देश में कुल कितने सांसद इस बार हार सकते हैं यह आकलन का विषय है।

यह भी पढ़ें

बंगाल का ‘जादू’



देशवासियों को बधाई देता हूं। कोई तो दल अपने भीतर स्वच्छता अभियान चलाकर राजनीतिक शुद्धिकरण का प्रयोग कर रहा है। इससे संपूर्ण तंत्र की सफाई भी होगी। आपराधिक तत्वों का निपटारा भी होगा। इस देश को इससे बड़ी और क्या गारंटी चाहिए? सभी दलों को ऐसे अभियान में जुट जाना चाहिए। एक शर्त है-हर दल में एक ‘मोदी’ चाहिए।

 

 

 

 

 

Home / Prime / Opinion / अद्भुत प्रयोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो