यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान भारत में आतंकी घटनाओं का मुख्य सूत्रधार बना हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियां भी लगातार आगाह करती रही है कि पाकिस्तानी सेना की शह पर पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों को प्रशिक्षण देने के केन्द्र खोले हुए हैं। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान की करतूतों पर […]
यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान भारत में आतंकी घटनाओं का मुख्य सूत्रधार बना हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियां भी लगातार आगाह करती रही है कि पाकिस्तानी सेना की शह पर पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों को प्रशिक्षण देने के केन्द्र खोले हुए हैं। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान की करतूतों पर यह कहकर मुहर लगा दी है कि पिछले साल मारे गए साठ फीसदी आतंकवादी पाकिस्तान मूल के थे। जाहिर है पाकिस्तान न केवल आतंकियों का पोषण कर रहा है बल्कि उन्हें भारत की जमीन पर घुसपैठ के जरिए भेजने में मदद भी कर रहा है। इतना ही नहीं उपेंद्र द्विवेदी ने यह भी कहा है कि आज की स्थिति में, घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकवादी बचे हैं, उनमें भी लगभग 80% या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। इसमें दो राय नहीं कि पिछले सालों में सेना व पुलिस के सहयोग से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगा है। लेकिन पाक पोषित आतंकी कब अपने नापाक इरादों में कामयाब हो जाएं इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। यह तो तब है जब कई बार सुरक्षा बलों ने आतंकियों की धड़पकड़ कर दहशत फैलाने की उनकी साजिश को बेनकाब भी किया है।
दरअसल, पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने से बौखलाया हुआ है और मौका मिलते ही भारत में अस्थिरता पैदा करने की फिराक में है। कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रकिया की बहाली से भारत के खिलाफ जहर उगलते रहने वाले पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई है। उसके पास कुछ कहने को नहीं, इसलिए अब वह आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में आतंकियों का का संरक्षक बन बैठा है। पाकिस्तान का आतंकियों से जुड़ाव कभी छिपा हुआ नहीं रहा। तालिबानियों को संरक्षण देने में भी पाकिस्तान की ही भूमिका रही। यह बात और है कि आतंकियों को पोषण करने वाला पाकिस्तान आज खुद अस्थिरता का शिकार हो रहा है। वैश्विक मंच पर भारत कई बार पाकिस्तान की करतूतों का खुलासा कर चुका है। सेनाध्यक्ष ने जो तस्वीर पेश की है उससे लगता है कि न केवल भारत बल्कि समूचे विश्व समुदाय को पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना होगा। भारत को भी सतर्क रहते हुए वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की करतूतों को उजागर करना होगा, ताकि उसका आतंकी चेहरा साफ-साफ नजर आए। फिलहाल सेनाध्यक्ष का यह भरोसा राहत देने वाला है कि कश्मीर में ‘टेररिज्म से टूरिज्म’ की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है। घुसपैठ के जरिए भारत में प्रवेश करने वाले आतंकियों के स्थानीय मददगारों की भी तलाश करनी होगी ताकि सीमा पार से आने वाले आतंकी अपनेे नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सके।
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