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Gandhiji death anniversary: किस ग्रंथ को मां कहते थे गांधीजी, जानें महात्मा गांधी के धार्मिक विचार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi death anniversary) 30 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन देश, दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गांधीजी अपने विचारों के कारण देश और दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं, उनके राजनीतिक, आर्थिक विचारों पर काफी चर्चा होती है। लेकिन उनके धार्मिक विचार कम महत्वपूर्ण नहीं (Gandhiji religious thoughts) हैं, जिसका उनके जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा। आइये पुण्यतिथि पर जानते हैं महात्मा गांधी के धार्मिक विचार (Mahatma Gandhi Views)।

Jan 30, 2023 / 11:06 am

Pravin Pandey

Gandhiji religious thoughts

धर्म पर महात्मा गांधी के विचार (Gandhiji religious thoughts): महात्मा गांधी धर्म परायण व्यक्ति थे और नैतिक मूल्यों पर दृढ़ (Mahatma Gandhi View) थे। उन पर श्रीमद्भागवत गीता का काफी प्रभाव था और इसका वे नियमित पाठ करते थे। सस्ता साहित्य मंडल नई दिल्ली से गांधीजी के लेखों पर प्रकाशित पुस्तक गीता की महिमा में उनके धार्मिक विचारों की झलक मिलती है। इसके एक लेख में महात्मा गांधी लिखते हैं गीता शास्त्रों का दोहन है, आज गीता मेरे लिए केवल बाइबिल नहीं, केवल कुरान नहीं है, बल्कि माता हो गई है।
गीता पर महात्मा गांधी के प्रमुख विचार(Gandhiji religious thoughts)


1. जो व्यक्ति गीता का भक्त होता है, उसके जीवन में निराशा के लिए कोई जगह नहीं होती, वह आनंदमय रहता है। लेकिन इसके लिए बुद्धिवाद नहीं अव्यभिचारिणी भक्ति चाहिए।
2. आचार की मार्गदर्शिकाः गांधीजी कहते हैं कि गीता उनके आचरण की मार्गदर्शिका बन गई है, वह मेरा धार्मिक कोश बन गई है। जिस तरह अपरिचित अंग्रेजी शब्दों के अर्थ समझने के लिए मैं अंग्रेजी कोश खोलता हूं, उसी तरह आचार संबंधी कठिनाइयों और अटपटी गुत्थियों को गीता द्वारा सुलझाया। अपरिग्रह, समभाव की सीख मिली।
3. ट्रस्टी शब्द का अर्थः गीता की मदद से अच्छी तरह समझ पाया। ट्रस्टी करोड़ों की संपत्ति रखते हैं, लेकिन उस पर हमारा अधिकार नहीं होता। इस तरह मुमुक्षु को अपना आचरण रखना चाहिए, यह मैंने गीता से सीखा।

4. मैं सनातनी होने का दाव करता हूं। लेकिन गीता के मुख्य सिद्धांत के विपरीत जो कुछ भी हो, उसे मैं हिंदू धर्म से विरोध मानता हूं और अस्वीकार करता हूं। गीता में किसी धर्म या धर्म गुरु का विरोध नहीं है।
5. भगवती गीता माता द्वारा उपदिष्ट सनातन धर्म के अनुसार जीवन का साफल्य ब्रह्म आचार और कर्मकांड में नहीं, वरन संपूर्ण चित्त शुद्धि में और शरीर, मन और आत्मा सहित समग्र व्यक्तित्व को परब्रह्म से एकाकार कर देने में है।

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Mahatma Gandhi Biography: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करम चंद गांधी था और वो कठियावाड़ की छोटी सी रियासत पोरबंदर के दीवान थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मागांधी पर क्षेत्र की जैन परंपराओं का गहरा असर था, जिसने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व को निखारने में बड़ी भूमिका निभाई। कम उम्र में ही उनका विवाह कस्तूरी बाई से हो गया था।
4 सितंबर 1888 को वे कानून की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन गए और पढ़ाई के बाद भारत आ गए, 1893 में भारत से वे दक्षिण अफ्रीका गए और यहां नागरिक आंदोलनों से जुड़ गए। बाद में भारत लौटे और यहां स्वतंत्रता संघर्ष का नेतृत्व किया। आजाद भारत में 30 जनवरी 1948 को नाथूराम नाम के शख्स ने उनकी हत्या कर दी।

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