वे उस युवती को नहीं जानते, न वह युवती उन्हें जानती है, फिर उसके विरुद्ध मन में प्रतिहिंसा का भाव पालने का क्या अर्थ?… सावधान देवव्रत! जो अपने मन में होता है, वही सारे संसार में भासित होने लगता है।
Hindi News / Videos / Prime / Opinion / Video: पढ़िए नरेंद्र कोहली द्वारा रचित महासमर, भाग-11