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नेतृत्व: ‘अनंत’ खिलाड़ी बनकर खेलें

जो लोग अपने प्रतिस्पर्धियों पर जीत हासिल करने के लिए खेलते हैं या एक विशिष्ट औसत दर्जे का लक्ष्य हासिल करते हैं, वे सीमित खिलाड़ी हैं। दूसरी ओर, अनंत खिलाड़ी वे हैं जो एक उद्देश्य पर अडिग रहते हैं और प्रतिस्पर्धियों को मात देने के लिए खेलते हैं, न कि उन्हें सिर्फ परास्त करने के लिए।

Dec 27, 2021 / 11:21 am

Patrika Desk

Leadership

प्रो. हिमांशु राय
(निदेशक, आइआइएम इंदौर)

हमने नेतृत्व विशेषज्ञ व लेखक साइमन सिनेक के इस तर्क के बारे में पढ़ा कि एक व्यवसाय एक ‘अनंत खेल’ यानी ‘इनफिनिट गेम’ का हिस्सा है। उदाहरण के लिए, अनंत चलने वाले मोबाइल गेम जैसे ‘टेम्पल रन’ या ‘सबवे सर्फर’ को एक साधारण व सरल इनफिनिट गेम माना जा सकता है, जबकि वास्तविक दुनिया के अनंत खेल कहीं अधिक जटिल हो सकते हैं। एक सीमित खेल में निश्चित विजेता और हारने वाले होते हैं, लक्ष्य प्राप्ति की सीमा के माप के माध्यम से तय किया जाता है। लेकिन एक अनंत खेल में, उद्देश्य या लक्ष्य शाश्वत होता है और विजेता वे होते हैं जो खेल में बने रहते हैं, लक्ष्य की दिशा में संरेखित होते हैं। जबकि हारने वाले वे होते हैं जो खेलते रहने के लिए इच्छाशक्ति और संसाधनों को खो देते हैं।

इसी तरह जो लोग अपने प्रतिस्पर्धियों पर जीत हासिल करने के लिए खेलते हैं या एक विशिष्ट औसत दर्जे का लक्ष्य हासिल करते हैं, वे सीमित खिलाड़ी हैं। दूसरी ओर, अनंत खिलाड़ी वे हैं जो एक उद्देश्य पर अडिग रहते हैं और प्रतिस्पर्धियों को मात देने के लिए खेलते हैं, न कि उन्हें सिर्फ परास्त करने के लिए।

व्यवसाय कुल मिलाकर एक ऐसे ही ‘अनंत खेल’ का हिस्सा हैं। एक उद्योग में विभिन्न संगठन सभी खिलाड़ी होते हैं। जैसे-जैसे परिदृश्य गतिशील होते हैं, नए प्रतियोगी उभर सकते हैं या अन्य उद्योगों या उत्पाद/सेवा श्रेणियों के खिलाड़ी भी विविधता ला सकते हैं और प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। इस प्रकार व्यवसाय के इस अनंत खेल में ज्ञात व अज्ञात खिलाड़ी दोनों हैं। चूंकि कारोबारी माहौल अस्थिर, अप्रत्याशित और व्यवधानों से घिरा होता है, इसलिए जाहिर है कि नियम भी बदलते रहते हैं।

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आदर्श रूप से, हर संगठन की अपनी अनूठी दृष्टि व मिशन होता है, जो उत्तरोत्तर पूर्णता के लिए आगे बढ़ता है- जो अन्य खिलाडिय़ों, या व्यावसायिक प्रतिस्पर्धियों से भिन्न होता है। खेल सिद्धांत के अनुसार, अनंत खेल में परिमित खिलाड़ी अस्थिर होते हैं और खेल की प्रकृति के साथ उनके दृष्टिकोण की असंगति के कारण अक्सर खेल से बाहर हो जाते हैं।

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साइमन का दावा है कि एक उद्योग में 70-80% संगठन लंबे समय तक धीरज रखने से प्राप्त होने वाली विकास की संभावनाओं की अनदेखी कर देते हैं। कई प्रबंधक और लीडर व्यवसाय को एक सीमित खेल मानकर उनके प्रदर्शन और प्रबंधन को सीमित दृष्टि से देखने की आदत से ग्रस्त हैं। लीडर को एक ‘अनंत’ मानसिकता विकसित करनी चाहिए, जो निरंतरता के साथ सततता के लिए जरूरी विचारशीलता का अनुसरण करती है।

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