सही मायने में आज खाद्यान्न संकट से जूझ रही दुनिया के लिए भारत आशा का केन्द्र है। वह दिन दूर नहीं, जब हमारी प्राकृतिक खेती निर्दोष उपज प्रदान करेगी और इस तरह हम ‘सर्वे सन्तु निरामया’ के ध्येय वाक्य के साथ ‘सर्वे भवन्
•Aug 04, 2022 / 06:21 pm•
Patrika Desk
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