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हिंदुओं पर बांग्लादेश को सख्त संदेश की दरकार

कट्टरपंथी इस हकीकत को झुठलाने पर आमादा हैं कि कभी भारत की कोशिशों से ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। बांग्लादेश के आर्थिक विकास में भारत के भारी निवेश का अहम योगदान है। बांग्लादेश को आधी से ज्यादा बिजली भारत से मिलती है। अनाज की बड़ी सप्लाई भी भारत से होती है। अगर भारत ने व्यापारिक संबंध तोड़ लिए तो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है।

जयपुरOct 13, 2024 / 08:59 pm

Gyan Chand Patni

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा चिंता का विषय बन गई है। दुर्गा पूजा के दौरान वहां के पंडालों और मंदिरों पर हमलों की खबरों को लेकर भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। करीब दो महीने पहले शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदू वहां के कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार कई बार दावा कर चुकी है कि वह हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩ पर अंकुश लगाने के कदम उठा रही है, लेकिन उत्पीडऩ की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कट्टरपंथियों के निरंकुश बने रहने से वहां की सरकार के इरादे और इच्छाशक्ति सवालों के घेरे में है। जिस भू-भाग को रवींद्रनाथ टैगोर ‘आमार सोनार बांग्ला’ (मेरा स्वर्णिम बंगाल) कहते थे, आज सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है। सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरता लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। दोराहे पर खड़े बांग्लादेश में यह खतरा बढ़ता जा रहा है।
इस देश की आबादी में 7.95 फीसदी (सवा करोड़ से ज्यादा) हिंदू शामिल हैं। हालांकि हिंदू पहले भी वहां के कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं, लेकिन शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीने में बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदू समुदाय पर हमले की 200 से ज्यादा घटनाएं हुईं। अंतरिम सरकार ने हिंदू मंदिरों, गिरजाघरों या अल्पसंख्यकों के किसी भी धार्मिक संस्थान पर हमलों की जानकारी देने के लिए हॉटलाइन शुरू की थी। इस पर कितनी शिकायतें मिलीं और क्या कार्रवाई की गई, इसको लेकर मोहम्मद यूनुस सरकार ने चुप्पी साध रखी है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी वहां के हिंदुओं के लिए ही नहीं, भारत की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ जो कुचक्र रचा गया, उसी तरह की साजिश बांग्लादेश में सिर उठा रही है।
कट्टरपंथी इस हकीकत को झुठलाने पर आमादा हैं कि कभी भारत की कोशिशों से ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। बांग्लादेश के आर्थिक विकास में भारत के भारी निवेश का अहम योगदान है। बांग्लादेश को आधी से ज्यादा बिजली भारत से मिलती है। अनाज की बड़ी सप्लाई भी भारत से होती है। अगर भारत ने व्यापारिक संबंध तोड़ लिए तो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है। समय आ गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाने की घटनाओं पर भारत कड़ा रुख अख्तियार करे। बांग्लादेश पर दबाव बनाने के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाना चाहिए। इसके लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने की जरूरत है।

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