ओपिनियन

सरकारी महकमे करें डिजिटल जनसुनवाई का पुख्ता बंदोबस्त

संवाद का ऐसा तंत्र आम आदमी को विभागों के चक्कर लगाने की मजबूरी से निजात दिलाने में मददगार है

जयपुरNov 08, 2024 / 06:34 pm

Sharad Sharma

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इंटरनेट क्रांति और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रसार ने संवादों के आदान-प्रदान की गति तेज कर दी है। यहां तक कि सरकारी महकमों के लिए भी यह बेहतरीन माध्यम बन गया है, बशर्ते कि इसका इस्तेमाल सकारात्मक रूप से हो। पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से विभिन्न सरकारी महकमों ने सूचना क्रांति के बेहतर इस्तेमाल का प्रयास किया है लेकिन अभी काफी-कुछ करना बाकी है। आम जनता से जुड़े कई महकमे सिर्फ अपनी वेबसाइट बनाने तक की ही खानापूर्ति कर पाए हैं। यह बात दूसरी है कि कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिम्मेदारों की आवश्यकता नहीं बल्कि मजबूरी बन जाते हैं।
प्रदेश में सरकारी नौकरियों को लेकर पिछले कई सालों से धांधलियों की खबरों के बीच राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से की जा रही डिजिटल जनसुनवाई को इंटरनेट इस्तेमाल के सकारात्मक पक्ष के रूप में देखा जा सकता है। बोर्ड के अध्यक्ष अभ्यर्थियों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से सतत संपर्क में रहते हैं। इसी संवाद की बदौलत पिछले छह माह से बोर्ड के कामकाज को लेकर अभ्यर्थियों का असंतोष धरना-प्रदर्शन के रूप में सामने नहीं आया। इस संवाद का उजला पक्ष यह भी है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षा केन्द्रों तक के बारे में बोर्ड ने अभ्यर्थियों की राय ली है।
सवाल यह है कि डिजिटल जनसुनवाई सिर्फ कोई एक ही बोर्ड क्यों करे? आम जनता से सीधे जुड़े सभी महकमों यथा- पुलिस, बिजली, पानी, नगरीय विकास से जुड़े स्थानीय निकायों व शहरों के विकास प्राधिकरणों से जुड़े जिम्मेदारों को भी ऐसी पहल करनी चाहिए। यदि संवाद का ऐसा तंत्र विकसित हो तो आम आदमी को छोटे-छोटे काम के लिए विभागों के चक्कर लगाने की मजबूरी से निजात मिल सकती है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम व जेडीए जैसी संस्थाओं ने ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने की व्यवस्था नहीं कर रखी हो। लेकिन इन्हें कौन देखता है और किस तरह से काम होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। सभी महकमों, यहां तक कि मुख्यमंत्री कार्यालय को मिलने वाली परिवेदनाओं तक के निस्तारण की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो तो लोगों की समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकता है। जैसे-जैसे तकनीकी समाधान बढ़ रहे हैं, सरकारी तंत्र को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और सक्रिय करने की आवश्यकता भी बढ़ी है।
शरद शर्मा

sharad.sharma@in.patrika.com

Hindi News / Prime / Opinion / सरकारी महकमे करें डिजिटल जनसुनवाई का पुख्ता बंदोबस्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.