चुरा लेते हैं निजी डेटा
साइबर अपराधी लोगों के निजी डेटा चुरा लेते हैं। उनसे उन लोगों के बैंक खातों की जमा राशि खाली कर लेते हैं। साइबर अपराधी फर्जी बैंक वाले बनकर, ग्राहकों से खाता बंद होने की बोलकर, उनसे अकाउंट नंबर और ओटीपी लेकर, उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं। डिजिटल जानकारी का अभाव होने पर दूसरे से मदद लेनी पड़ती है, जिससे भी लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं।
—निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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साइबर अपराधी लोगों के निजी डेटा चुरा लेते हैं। उनसे उन लोगों के बैंक खातों की जमा राशि खाली कर लेते हैं। साइबर अपराधी फर्जी बैंक वाले बनकर, ग्राहकों से खाता बंद होने की बोलकर, उनसे अकाउंट नंबर और ओटीपी लेकर, उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं। डिजिटल जानकारी का अभाव होने पर दूसरे से मदद लेनी पड़ती है, जिससे भी लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं।
—निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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कम समय में धनवान बनने की चाह
पढ़े लिखे आपराधिक प्रवृत्ति के युवा शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने के लिए साइबर क्राइम की ओर उन्मुख हो रहे हैं। कम समय में धनवान बनने की अंधी चाह उन्हें इस ओर प्रेरित कर रही है। वे इसे हाईटेक तरीके से अंजाम देने में सक्रिय हैं। संस्कारहीन शिक्षा और पारिवारिक माहौल भी इसके लिए जिम्मेदार है।
—ललित महालकरी, इंदौर
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पढ़े लिखे आपराधिक प्रवृत्ति के युवा शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने के लिए साइबर क्राइम की ओर उन्मुख हो रहे हैं। कम समय में धनवान बनने की अंधी चाह उन्हें इस ओर प्रेरित कर रही है। वे इसे हाईटेक तरीके से अंजाम देने में सक्रिय हैं। संस्कारहीन शिक्षा और पारिवारिक माहौल भी इसके लिए जिम्मेदार है।
—ललित महालकरी, इंदौर
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सतर्कता ही कारगर उपाय
सतर्कता आमजन के साथ वर्तमान में होती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को देखते हुए बेहद ज़रूरी हो गयी है। डिजिटल प्लेटफार्म पर बहुत अधिक सावधानी रखी जाए। जहां तकनीक ने हमारा जीवन सुविधा संपन्न बनाया है, वहीं दूसरी ओर सोशल साइट्स के माध्यम से हमारी निजी सूचनाओं को भी सार्वजनिक किया है। बड़ी आबादी अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन साइट्स पर निर्भर है। इसके कारण ऑनलाइन ठगी आज एक आम समस्या बन गई है,आये दिन जनता साइबर क्राइम का शिकार बन रही है।समझदार व्यक्ति भी इनका शिकार बन रहे हैं। हमें सूचनाओ को सार्वजनिक करते समय भी सूझबूझ का परिचय देने की आवश्यकता हैं। सतर्कता ही बचाव है।
—डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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सतर्कता आमजन के साथ वर्तमान में होती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को देखते हुए बेहद ज़रूरी हो गयी है। डिजिटल प्लेटफार्म पर बहुत अधिक सावधानी रखी जाए। जहां तकनीक ने हमारा जीवन सुविधा संपन्न बनाया है, वहीं दूसरी ओर सोशल साइट्स के माध्यम से हमारी निजी सूचनाओं को भी सार्वजनिक किया है। बड़ी आबादी अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन साइट्स पर निर्भर है। इसके कारण ऑनलाइन ठगी आज एक आम समस्या बन गई है,आये दिन जनता साइबर क्राइम का शिकार बन रही है।समझदार व्यक्ति भी इनका शिकार बन रहे हैं। हमें सूचनाओ को सार्वजनिक करते समय भी सूझबूझ का परिचय देने की आवश्यकता हैं। सतर्कता ही बचाव है।
—डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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जागरूकता का अभाव
साइबर क्राइम के मामले जागरूकता के अभाव में बढ़ते ही जा रहे हैं। अपराधी गिरोह नवीन तकनीक का गलत उपयोग कर अपराध कर रहे हैं। देश की जनता अभी इतनी जागरूक व सजग नहीं है कि वह साइबर क्राइम से बच सके। समय—समय पर जनता को जागरूक करने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन आम जनता इसे समझ नहीं पा रही है।
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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साइबर क्राइम के मामले जागरूकता के अभाव में बढ़ते ही जा रहे हैं। अपराधी गिरोह नवीन तकनीक का गलत उपयोग कर अपराध कर रहे हैं। देश की जनता अभी इतनी जागरूक व सजग नहीं है कि वह साइबर क्राइम से बच सके। समय—समय पर जनता को जागरूक करने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन आम जनता इसे समझ नहीं पा रही है।
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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अपराधियों के हौसले बुलंद
साइबर क्राइम का नेटवर्क पूरे विश्व में फैला हुआ है। देश विदेश के किसी भी कोने से किसी भी शहर में अपराधी ठगी कर सकता है और ऐसी कोई उन्नत तकनीक अभी नहीं है कि अपराधी को आसानी से पकड़ा जा सके लेकिन जागरूकता व सतर्कता से इसे कम किया जा सकता है। इसका एकमात्र विकल्प यही है कि यूजर्स अतिरिक्त सावधानी बरतें। सेव किए हुए नंबरों के अलावा अनजान नंबर से फोन आने पर कतई ना उठाएं।
—लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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साइबर क्राइम का नेटवर्क पूरे विश्व में फैला हुआ है। देश विदेश के किसी भी कोने से किसी भी शहर में अपराधी ठगी कर सकता है और ऐसी कोई उन्नत तकनीक अभी नहीं है कि अपराधी को आसानी से पकड़ा जा सके लेकिन जागरूकता व सतर्कता से इसे कम किया जा सकता है। इसका एकमात्र विकल्प यही है कि यूजर्स अतिरिक्त सावधानी बरतें। सेव किए हुए नंबरों के अलावा अनजान नंबर से फोन आने पर कतई ना उठाएं।
—लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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झांसे में न आएं
साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोगों में जागरूकता की कमी होने से लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते है। साइबर अपराध को रोकने के लिए लोगों को सतर्कता की जरूरत है। फरेबी लोगों के झांसे में नहीं आना चाहिए। अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। सतर्कता ही बचाव है।
—दिलीप शर्मा, भोपाल, मध्यप्रदेश
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जागरूकता में कमी
साइबर क्राइम करने वाले जिस गति से नए-नए पैंतरें आज़मा रहे हैं, उनकी तुलना में जागरूकता में कमी है। साइबर क्राइम में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।
साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोगों में जागरूकता की कमी होने से लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते है। साइबर अपराध को रोकने के लिए लोगों को सतर्कता की जरूरत है। फरेबी लोगों के झांसे में नहीं आना चाहिए। अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। सतर्कता ही बचाव है।
—दिलीप शर्मा, भोपाल, मध्यप्रदेश
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जागरूकता में कमी
साइबर क्राइम करने वाले जिस गति से नए-नए पैंतरें आज़मा रहे हैं, उनकी तुलना में जागरूकता में कमी है। साइबर क्राइम में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।
– गौरव मेहरा, जयपुर
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