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पोषक तत्वों से भरपूर होगा भोजन, तभी हम रहेंगे स्वस्थ

स्वाद के चक्कर में पोषण की लगातार अनदेखी हो रही है। अच्छी सेहत के लिए संतुलित आहार लेना आवश्यक है, लेकिन स्वादिष्ट भोजन संतुलित और पोषक हो, यह जरूरी नहीं है। यदि आप घर का खाना नहीं खा रहे हैं तो अधिक संभावना इस बात की है कि आपके भोजन में वसा, चीनी, नमक और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो, लेकिन मिनरल्स, विटामिन और प्रोटीन की मात्रा काफी कम हो।

Sep 07, 2023 / 08:31 pm

Gyan Chand Patni

पोषक तत्वों से भरपूर होगा भोजन, तभी हम रहेंगे स्वस्थ

पोषक तत्वों से भरपूर होगा भोजन, तभी हम रहेंगे स्वस्थ

डॉ. विनोद यादव

शिक्षाविद् और इतिहासकार

भोजन में पोषक तत्वों की कमी गंभीर समस्या बनती जा रही है। प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड और डिब्बाबंद फूड हमारी व्यस्त जिंदगी का हिस्सा तो बनते जा रहे हैं, लेकिन सेहत के लिए ये हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं। पोषण की कसौटी पर ऐसा भोजन ठीक नहीं है। वैसे भी फल, दूध, अनाज, ड्राई फू्रट, दालों और सब्जियों में पोषक तत्वों की जितनी मात्रा आज से चार-पांच दशक पूर्व होती थी, उसमें लगातार गिरावट आती जा रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन द्वारा जारी की रिपोर्ट के अनुसार अनाज, दालों, फलों व सब्जियों में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स आदि की मात्रा में 6 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत की कमी आई है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी के चलते न केवल हमारी शारीरिक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आती जा रही है। बच्चों की सेहत पर इसका स्पष्ट असर देखने को मिल रहा है।
स्वाद के चक्कर में पोषण की लगातार अनदेखी हो रही है। अच्छी सेहत के लिए संतुलित आहार लेना आवश्यक है, लेकिन स्वादिष्ट भोजन संतुलित और पोषक हो, यह जरूरी नहीं है। यदि आप घर का खाना नहीं खा रहे हैं तो अधिक संभावना इस बात की है कि आपके भोजन में वसा, चीनी, नमक और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो, लेकिन मिनरल्स, विटामिन और प्रोटीन की मात्रा काफी कम हो। हमारे दैनिक आहार में ये सभी तत्व भोजन में संतुलित मात्रा में होने चाहिए। आयुर्वेद के मतानुसार व्यक्ति को भोजन अपनी प्रकृति, आयु और ऋतु के अनुसार करना चाहिए ताकि खाया हुआ भोजन सेहत के लिए तो फायदेमंद हो ही, आसानी से पच भी जाए। सुबह उठते ही हमें सादा या नींबू का पानी पीना चाहिए। अपने दिन की शुरुआत हमें चाय कॉफी के बजाय सूप और जूस से करनी चाहिए। नाश्ता जरूर करना चाहिए क्योंकि प्रात: काल हमारी अग्नि प्रबल होती है। नाश्ते में हम दूध, चपाती, जूस, फल व अंकुरित अनाज और दालों का प्रयोग कर सकते हैैं। लंच में दाल, चावल, चपाती और सब्जी के साथ दही या छाछ का प्रयोग कर सकते हैं। चपाती बनाने के लिए गेहूं के साथ अन्य अनाजों और दालों का आटा मिक्स करें ताकि भोजन अधिक पौष्टिक और सुपाच्य हो जाए। चना, जौ, जई, बाजरा, ज्वार, रागी, मक्का आदि अनाजों को गेहूं के साथ मिक्स किया जा सकता है।
जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी है वे गेहूं की बजाय मिलेट्स का प्रयोग करें। लंच के समय तक पित्त की प्रधानता रहने के कारण हम गरिष्ठ भोजन पर्याप्त मात्रा में कर सकते हैं। दही या छाछ का प्रयोग लंच तक कर सकते हैं। शाम के समय जूस, सूप, दूध, चाय कॉफी के साथ फल, पोहा, उपमा, मूंगफली, मखाना और अलसी के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं। रात के समय तक शरीर में कफ की प्रधानता हो जाने से अग्नि मंद हो चुकी होती है। अत: डिनर में हल्का व सुपाच्य भोजन लेना चाहिए, जिसमें हरी सब्जियां, चपाती, चावल, मूंग की दाल वगैरह शामिल हों। जिन लोगों का वजन अधिक हो वे रात का खाना खाने से बच सकते हैं। वे सब्जियों के सूप का प्रयोग कर सकते हैं।। भोजन में मोटे अनाज को जरूर शामिल करें। ये पोषक तत्वों का खजाना हैं।

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