राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 9 अगस्त 1925 को काकोरीकांड को अंजाम देने के बाद फरार हो गए और देश के सभी क्रांतिकारियों को मिलाकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया। 27 फरवरी 1933 को इलाहाबाद के चंद्रशेखर आजाद पार्क (तत्कालीन अल्फ्रेड पार्क) में एक साथी की गद्दारी के कारण अंग्रेज पुलिस द्वारा घेर लिए गए। गोलीबारी में तीन पुलिसकर्मी मारे गए और कई अंग्रेज घायल हो गए। आखिर में आजाद ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए उन्होंने अपनी आखिरी गोली खुद को मार ली।
चंद्र शेखर आजाद के अनमोल विचार
1. मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और घर जेलखाना
2. मैं जीवन की अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ता रहूंगा
3. मेरा यह छोटा सा संघर्ष ही कल के लिए महान बन जाएगा
4. सच्चा धर्म वही है जो स्वतंत्रता को परम मूल्य के रूप में स्थापित करें
5. दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे
6. अगर अभी भी तुम्हारा खून नहीं खौलता तो यह खून नहीं पानी है
7. ऐसी जवानी किसी काम की नहीं, जो मातृभूमि के काम न आ सके