गल्फ स्ट्रीम के कारण वैश्विक मौसम प्रभावित होने के मामले में वैज्ञानिकों में बेहतर उम्मीद जगी है। उन्होंने ऐसा रोबोटिक सेलड्रोन या सर्फबोर्ड लांच किया है जो बिना चालक दल के सतह पर रहने वाले वाहन की तरह है। यह एक वर्ष तक समुद्र की सतह पर रहकर संकलित आंकड़ों को भेजने में सक्षम है। कैलिफोर्निया के अलमेडा में सेलड्रोन कंपनी द्वारा विकसित इस उपकरण का इस्तेमाल विश्व और महासागरों के मौसम पर पडऩे वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। यह उपकरण जीरो कार्बन फुटप्रिंट के साथ हजारों वर्गमील का क्षेत्रफल कवर करता है।
गल्फ स्ट्रीम गर्म पानी की एक प्रमुख महासागरीय धारा है जो पश्चिमी अटलांटिक से लेकर यूनाइटेड किंगडम तक घुमावदार रास्ता बनाती है जिससे नियमित रूप से उत्तरी गोलाद्र्ध में तूफानी हवा प्रणालियां प्रभावित होती हैं। इससे दुनिया भर में शिपिंग और समुद्री व्यापार बाधित हो जाता है। गल्फ स्ट्रीम भी कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषक है जो जलवायु परिवर्तन की गति को तेज होने से रोकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ रोड आइलैंड में समुद्र विज्ञान की प्रोफेसर जेम पाल्टर कहती हैं कि उनका उद्देश्य बेहतर तरीके से यह समझना था कि गल्फ स्ट्रीम कैसे वैश्विक कार्बन चक्र पर अपना असर छोड़ती हैं। मानव जाति सालाना 35 बिलियन टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। माना जाता है कि एक तिहाई कार्बन महासागरों में तुरंत विलीन हो जाता है। अंटार्कटिका में हाल के सेलड्रोन मिशनों से पता चला है कि कार्बन चक्र में समुद्र की भूमिका उतनी नहीं है, जितनी कि समझी जाती रही है। ये ड्रोन सूर्य की रोशनी और हवा से संचालित होते हैं और बेतार संचरण के द्वारा डेटा को लिंक कर देते हैं।
(द वाशिंगटन पोस्ट)