ओपिनियन

एग्रीटेक स्टार्टअप देंगे भारत को नई उड़ान

राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (16 जनवरी) पर विशेष

Jan 16, 2023 / 10:34 pm

Patrika Desk

एग्रीटेक स्टार्टअप देंगे भारत को नई उड़ान

भागीरथ चौधरी
संस्थापक निदेशक, दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र और नाबार्ड कृषि निर्यात सुविधा केंद्र
……………………………………………………………………………………………………………..
भारत में, छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों के वाहक हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। ये बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करते हैं। वैश्वीकरण व उदारीकरण के मौजूदा परिप्रेक्ष्य में, इन व्यवसायों के समक्ष अस्तित्व बनाए रखने और विकास के लिए अनगिनत चुनौतियां हैं तो संचार माध्यमों, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे अवसर भी हैं। यही कारण है कि स्टार्ट-अप व्यवसायों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2015 में घोषित स्टार्टअप इंडिया का मुख्य उद्देश्य भारत में नवोदित उद्यमियों की पहचान और प्रोत्साहन, नियमों का सरलीकरण कर हैंडहोल्डिंग करना, वित्तपोषण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना रहा है। इसी का परिणाम है कि 2022 तक 84,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप के साथ, भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप तंत्र (इकोसिस्टम) के रूप में उभरा है। देश में उद्यमशीलता कौशल और आकार को देखते हुए, स्टार्टअप पहल छोटे व्यवसायों को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुई है। यह नवोदित उद्यमियों के साथ ही लघु और छोटे व्यवसायों को वैश्वीकरण, उदारीकरण और डिजिटलीकरण की मुख्यधारा से जोडऩे में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है। स्टार्टअप पहल शहरी क्षेत्रों में सफल रहे छोटे व्यवसायों को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की दिशा में भी एक कदम मानी जा सकती है।
2021-22 में स्टार्टअप इंडिया को सीड फंड योजना, फंड ऑफ फंड्स, और क्रेडिट गारंटी योजना का संबल मिला। ये योजनाएं स्टार्टअप व्यवसाय के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान करने, पूंजी जुटाने और व्यापार में सरकारी जटिलता को कम करने में काफी उपयोगी साबित हो रही हैं। देश में हाल के वर्षों में खाद्यान्न, फलों और सब्जियों का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है। हमारा कृषि और खाद्य निर्यात 2021-22 में 50 बिलियन अमरीकी डॉलर के जादुई आंकड़े को पार कर गया है, जबकि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 17 प्रतिशत से अधिक यानी करीब 500 बिलियन अमरीकी डॉलर का है। ये आंकड़े ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय की क्षमता के प्रमाण हैं, जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान और दहाई अंकों में विकास के लिए इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
स्टार्टअप योजना को कृषि व ग्रामीण व्यवसायों में प्रोत्साहन देने का समय आ गया है। इसके तहत 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना, कृषि अवसंरचना निधि (एआइएफ) की शुरुआत और तीन राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना जैसी अन्य मेगा योजनाओं के साथ स्टार्टअप योजना को जोड़ा जा सकता है। इससे ग्रामीण और अद्र्ध-शहरी क्षेत्रों में कृषि और खाद्य व्यवसायों, एकत्रीकरण, भंडारण, प्रसंस्करण और निर्यात को गति दी जा सकती है। गुणवत्ता व बाजार की चुनौतियों से निपटने के लिए स्टार्टअप योजना के तहत हस्तकला, खादी और कृषि पर्यटन जैसे ग्रामीण व्यवसायों के आधुनिकीकरण पर ध्यान देने की भी जरूरत है।
बीते दशक में हमने डिजिटल प्रौद्योगिकी और लागत प्रभावी समाधानों के साथ पुरानी कृषि प्रणाली को बदलने के लिए कृषि उद्यमियों और एग्रीटेक स्टार्टअप की नई लहर देखी। नए एग्रीटेक स्टार्टअप किसानों, इनपुट डीलरों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं के बीच की कड़ी बने हैं। नवाचार व प्रौद्योगिकी के दम पर एग्रीटेक स्टार्टअप आइसीटी/ऐप से लेकर फार्म ऑटोमेशन, मौसम पूर्वानुमान से लेकर ड्रोन उपयोग, इनपुट रिटेलिंग व उपकरण किराए पर लेने, मार्केट लिंकेज, ऑनलाइन सब्जी-फल मार्केटिंग तक नए कृषि व्यवसायों को जन्म दे रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद, बीते एक दशक में कुल मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कृषि व खाद्य स्टार्टअप का योगदान 5 प्रतिशत ही है। अब ग्रामीण भारत में एग्रीटेक स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने का समय आ गया हैं ताकि कृषि नवाचार और प्रौद्योगिकी से गुणवत्तापूर्वक उत्पादन करने, किसानों को उत्पादन की लागत कम करने व किसानों की उपज के लिए बाजार खोजने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद मिल सके। कई ऐसे सफल एग्रीटेक स्टार्टअप हैं, जो देश में कृषि और खाद्य व्यवसाय के तरीके बदल रहे हैं।

Hindi News / Prime / Opinion / एग्रीटेक स्टार्टअप देंगे भारत को नई उड़ान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.