नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी के फिरोजशाह कोटला मैदान के विवादास्पद आर पी मेहरा ब्लाक का टी 20 वर्ल्ड कप के 30 मार्च को होने वाले पहले सेमीफाइनल के लिए इस्तेमाल करने को अनुमति देने से इंकार कर दिया है जिससे राजधानी में सेमीफाइनल संकट में पड़ गया है। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद कोटला के सेमीफाइनल स्थल के रूप में इस्तेमाल पर सवाल खड़ा हो गया है और दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) के अधिकारी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) से मुलाकात कर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे। डीडीसीए ने सोमवार को आर पी मेहरा ब्लाक के स्टैंड को खोलने की याचिका के साथ अदालत की शरण ली थी ताकि इस सेमीफाइनल को किसी दूसरे स्थान पर ले जाने से बचाया जा सके। डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रवीन्दर मनचंदा ने कहा है कि डीडीसीए ने दिल्ली में वर्ल्ड कप मैचों के लिए अदालत द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक जस्टिस मुकुल मुद्गल को एक पत्र लिखकर मेहरा ब्लाक की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है। मनचंदा ने क्रिकइंफो से कहा, हमने अपनी याचिका वापिस ले ली है। हमने इस ब्लाक की सुरक्षा को लेकर जस्टिस मुद्गल को एक शपथ पत्र दिया है कि इस ब्लाक में दर्शकों की पूरी सुरक्षा रहेगी। अब जस्टिस मुद्गल को देखना है कि यह मैच सेमीफाइनल बचा रह जाए। अदालत ने इससे पहले अपने मौखिक आदेश में कहा था कि मेहरा ब्लाक अनाधिकृत ढांचा रहेगा चाहे डीडीसीए दक्षिण दिल्ली नगर निगम(एसडीएमसी) से मंजूरी क्यों न हासिल कर ले। मंगलवार को भी अदालत ने इसी स्टैंड को दोहराया और डीडीसीए से कहा कि वह इस ब्लाक को तब तक जनता के लिए नहीं खोल सकता है जब तक एसडीएमसी कम्पलीशन सर्टिफिकेट न दे दे। अदालत ने डीडीसीए के वकीलों को यह भी याद दिलाया है कि जस्टिस मुद्गल वहां मंजूरी देने के लिए नहीं है। यह काम एसडीएमसी को देखना है कि वह मंजूरी दे जो अदालत चाहती है। उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, कम्पलीशन प्रमाण पत्र के बिना हम किसी इमारत के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दे सकते। इसके बाद डीडीसीए ने अपनी याचिका वापिस ले ली। इस बीच दिल्ली के मैचों के साथ जुड़े एक प्रमुख अधिकारी ने कहा कि जस्टिस मुद्गल मेहरा ब्लाक को लेकर अपने स्टैंड को बदल नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, मेहरा ब्लाक एक अधिकृत ढांचा नहीं है। जस्टिस मुद्गल ने मीडिया और प्रसारणकर्ता को छोड़कर अन्य किसी को इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है। मेहरा ब्लाक गेंदबाज के ठीक पीछे की दिशा में आता है और कैमरों का एंगल बदलना भी मुश्किल है। इस ब्लाक की क्षमता करीब 1800 से 2200 दर्शकों की है यानि की साफ है कि यदि यहां मैच आयोजित हुआ भी तो इतनी सीटें खाली रहेंगी। इसके अलावा स्टैंड के सामने डीडीसीए को होर्डिंग लगाने की भी अनुमति नहीं दी गई है। आईसीसी और बीसीसीआई इस पूरे विवाद को देखते हुए किसी अन्य स्थान पर यह मैच कराने पर विचार कर रहा है। आईसीसी या भारतीय बोर्ड ने इस पूरे मामले पर अभी तक आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है लेकिन माना जा रहा है कि यह सेमीफाइनल मुकाबला डीडीसीए से छीन कर बेंगलुरू में कराया जा सकता है।