5वीं कक्षा तक पढ़ी मोगली प्रशिक्षण के बाद उपलागढ़ व आसपास के गांवों में बिजली से वंचित घरों तक सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों से बिजली पहुंचाने का कार्य करेगी। गांव में कई फलियां ऐसी है, जहां बिजली के पोल नहीं पहुंचने के कारण कई परिवार बिजली से वंचित है। इन स्थानों पर सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण परम्परागत बिजली का एक वैकल्पिक रास्ता है।
रोजाना 15 किलोमीटर दूर शहर जाकर करती थीं मजदूरी
उपलागढ़ के निचली फली निवासी मोगली ने बताया कि वर्ष 2016 में उनके पति की मौत हुई थी। जिसके बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए 15 किलोमीटर दूर शहर में जाकर मजदूरी करती थी। सौर ऊर्जा उपकरणों की जानकारी मिलने पर इसका प्रशिक्षण लेकर कार्य करने की ठानी। जिस पर किशनगढ हरमाड़ा की संस्था में यह प्रशिक्षण ले रही है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में ही कार्य करेगी।