चेतावनी के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी का क्रम जारी, आबकारी मंत्री तिम्मापुर भी मैदान में कूदे

पार्टी आलाकमान की सख्त चेतावनी के बावजूद सत्तारुढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर आंतरिक घमासान नहीं थम रहा है। प्रदेश कांग्रेस और विधायक दल की बैठक के एक दिन बाद मंगलवार को आबकारी मंत्री आर.बी. तिम्मापुर ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश कर विवाद को फिर से हवा दे दिया।

बैंगलोरJan 14, 2025 / 11:32 pm

Sanjay Kumar Kareer

Karnataka government SC Reservation

बेंगलूरु. पार्टी आलाकमान की सख्त चेतावनी के बावजूद सत्तारुढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर आंतरिक घमासान नहीं थम रहा है। प्रदेश कांग्रेस और विधायक दल की बैठक के एक दिन बाद मंगलवार को आबकारी मंत्री आर.बी. तिम्मापुर ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश कर विवाद को फिर से हवा दे दिया। तिम्मापुर ने कहा कि वह दलित हैं और वह मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकते।
हुब्बल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री तिम्मापुर ने कहा, दलितों को मुख्यमंत्री पद क्यों नहीं मिलना चाहिए? मुझे मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनना चाहिए? अगर मैं मुख्यमंत्री बन गया तो कौन आपत्ति करेगा। उन्होंने कहा, मुझे यकीन नहीं है कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में मेरे नाम को मंजूरी मिलेगी या नहीं। ये सभी कारक भूमिका निभाएंगे। अगर हाईकमान फैसला करता है तो मैं मुख्यमंत्री बनूंगा।
उन्होंने कहा, सोमवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बेलगावी कार्यक्रम पर चर्चा हुई। किसी विधायक ने असंतोष नहीं जताया। दलित नेताओं की बैठक रद्द नहीं की गई है। हमने इसे स्थगित कर दिया है। दलितों की पीड़ा सुनी जानी चाहिए। मैंने बलिदान के बारे में बात की है… मुख्यमंत्री के बदलाव पर हाईकमान फैसला करेगा। किसने कहा है कि सीएम सिद्धरामय्या को पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा? मुझे सत्ता के बंटवारे के बारे में नहीं पता। मुझे कैबिनेट फेरबदल के बारे में भी नहीं पता।
तीन गायों के थन काटने की घटना के खिलाफ भाजपा के विरोध पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या दलितों की हत्या की घटनाओं के सामने आने पर भाजपा ने विरोध किया था। उन्होंने कहा, दोषियों से निपटा जाना चाहिए और मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए। अगर भाजपा ओछी राजनीति से दूर नहीं रहेगी तो जनता उसे सबक सिखाएगी।
इस बीच, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता एस.आर. पाटिल ने कहा कि वह उत्तर कर्नाटक क्षेत्र से किसी नेता को सीएम पद के लिए चुने जाने का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, हर विधायक की इच्छा मुख्यमंत्री बनने की होगी। कोई भी व्यक्ति साधु नहीं होता। प्रतिष्ठित पद की मांग करना स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री बदलने का मामला हाईकमान पर छोड़ दिया गया है। मुझे सत्ता के बंटवारे के बारे में नहीं पता।
भाजपा ने कांग्रेस पर कसे तंज

कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर टिप्पणी करते हुए विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि सिद्धरामय्या निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस एक विभाजित घर है। पार्टी भविष्य में सत्ता में नहीं आने वाली है। अब लड़ाई मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह कोई नई बात नहीं है। विजयेंद्र ने कहा, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या दो साल पूरे करने जा रहे हैं। कांग्रेस के कई नेता मुख्यमंत्री बनने की प्रतीक्षा में हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने के लिए बेताब हैं और अन्य नेता भी बेताब हैं। अंदरूनी कलह जल्द ही सड़कों पर आ जाएगी।
विजयेंद्र ने कहा, कांग्रेस के आठ से ज्यादा नेता सीएम बनने का इंतज़ार कर रहे हैं और जल्द ही सब कुछ सामने आ जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को भाजपा में जो कुछ हो रहा है, उससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। भाजपा आलाकमान स्थिति को संभालने और चीजों को सही करने के लिए काफी मजबूत है।
समय-समय पर कई कांग्रेस नेता सीएम पद के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाते रहे हैं। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के अलावा राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर, लोकनिर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली, उद्योग मंत्री एमबी पाटिल, ग्रामीण विकास व पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे के नाम भी चर्चा में हैं।

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