राज्यपाल ने वर्ष 2022 में विशेष शिविर के साथ किया था शुभारंभ, 5 माह में करनी होगी 5.45 लाख की जांच, रोगियों को खोजने की रफ्तार कमजोर है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग का दबाव कम करने आदिवासी बेल्ट खालवा ब्लाक में लक्षित परिवारों की स्क्रीनिंग के लिए साइंस हाउस नाम की संस्था को नियुक्त की है। बावजूद इसके स्क्रीनिंग की गति कछुआ चाल है। स्क्रीनिंग की प्रगति नहीं बढ़ रही है। गति दिनों जांच संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
75 फीसदी परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य सरकार ने आदिवासी बेल्ट में आबादी के 75 फीसदी परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य है। जिले में 5.45 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर रोगियों को ढूंढने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। करीब दो साल में 2.40 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इसमें 3300 से अधिक में आंशिक लक्षण मिले हैं। यानी वाहक के रूप में चिह्नित किया गया है। 368 रोगी मिले हैं। जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। शेष परिवारों की स्क्रीनिंग के लिए सिर्फ चार माह शेष हैं।
खालवा में डेढ़ लाख की स्क्रीनिंग खालवा में स्कूल, कालेज, आश्रमों और हॉस्टल में जांच के साथ ही गांव-गांव में स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक 1.60 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस ब्लाक में ढाई लाख से परिवार हैं। इसमें करीब दो लाख परिवारों की जांच होनी है। दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करना है।
स्क्रीनिंग संख्या बढ़ाने बुजुर्गों की जांच शासन की गाइड लाइन है कि स्क्रीनिंग एक से 40 साल की उम्र वालों को प्राथमिकता से जांच करें। लेकिन संस्था जांच संख्या बढ़ाने बुजुर्गों की भी जांच कर रही है। अस्पताल में भी यही हाल है। ग्रामीण क्षेत्र में सीएचसी, पीएचसी के साथ ही मेडिकल कालेज संबद्ध अस्पताल में जांच की जा रही हैै।
विशेष वार्ड में सिर्फ चार मरीज, खाली पड़ेे 12 बेड मेडिकल कालेज संबद्ध अस्पताल में शिशु रोग विभाग में सिकल सेल रोगियों के लिए विशेष वार्ड बना है। यहां 16 बेड लगे हैं। बुधवार को चार बेड पर बच्चे भर्ती रहे । वार्ड में शेष 12 बेड खाली रहे। नोडल अधिकारी का कहना है कि इस वार्ड में जरूरत पड़ने पर भर्ती किया जाता है। चिह्नित मरीजों का इलाज चल रहा है। दवा देने के बाद घर भेज दिया गया है। समय-समय पर फालोअप किया जा रहा है।
स्क्रीनिंग के साथ वितरण कर रहे ब्लू, पिंक कार्ड स्क्रीनिंग के साथ ही वाहक और रोगियों की हेल्थ हिस्ट्री कार्ड जारी हो रहे हैं। इस दौरान उन्हें ब्लू व पिंक कलर के कार्ड दिए जा रहे हैं। स्क्रीनिंग के बाद पॉजीटिव मिलने वाले वाहक व रोगी दोनों मरीजों को विशेष सलाह भी दी जा रही है।
बीमारी अनुवांशिक, रोगी-रोगी में नहीं करें ब्याह नोडल अधिकारी डॉ हेमंत गर्ग ने कहा कि स्क्रीनिंग के दौरान प्रभावित परिवारों को बीमारी के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। गर्ग का कहना है कि यह बीमारी अनुवांशिकी है। भावी पीढ़ी में यदि इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो रोगी से रोगी का ब्याह करने से बचें। रोगी, रोगी से ब्याह करने पर 100 %, रोगी व वाहक के बीच 75 % बीमारी होने का खतरा रहता है। नार्मल व वाहक के बीच 50 % रहता है। लेकिन पॉजिटिव होने के चांस कम हो जाते हैं। बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावित परिवारों को जागरूक किया जा रहा है। इसी लिए कार्ड भी जारी किया जा रहा है। खून से खून का मिलान करने के बाद ही ब्याह करें।
———————————– फैक्ट फाइल संस्था का नाम स्क्रीनिंग निगेटिव आंशिक रोगी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर 152424 148917 3128 207 हेल्थ सब सेंटर 66299 65979 36 05 प्राइमरी हेल्थ सेंटर 14129 14070 00 02
डिस्टि्रक हॉस्पिटल 3876 3343 165 154 सब डिस्ट्रक्टि हॉस्पिटल 95 95 00 00 ——————————————————————— कुल 2,36,823 2,32,404 3324 368 ———————————————————————- इनका कहना…नोडल अधिकारी, डॉ हेमंत गर्ग का कहना है कि सिकल सेल शासन ने संस्था को विशेष अभियान के तहत काम करने को कहा है। जांच की प्रगति ठीक है। सितंबर से अब तक चालीस स्क्रीनिंग की गई है। इससे संस्था ने ज्यादातर स्क्रीनिंग की है। अब तक दो लाख 40 हजार की स्क्रीनिंग की गई है। एक माह पहले लक्ष्य बढ़ाया गया है। लक्ष्य पूरा करने कोशिश की जा रही है।