बरेली का रिफाकत स्मैक सप्लायर
उत्तराखंड पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह स्मैक को बरेली के फतेहगंज पश्चिमी निवासी रिफाकत पुत्र शखावत से लाकर सितारगंज में सप्लाई करने जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद स्मैक और कार को कब्जे में ले लिया है। उन्होंने बताया कि अब तक वह बरेली से 90 करोड़ की स्मैक ऊधमसिंह नगर जिले में खपा चुके हैं। उनके गिरोह के कई सदस्य काम कर रहे हैं। डिमांड के आधार पर रिफाकत उन्हें स्मैक सप्लाई करता है। वह स्मैक को उत्तराखंड में महंगे दामों में बेचकर लाखों के वारे न्यारे करते हैं।
खपा चुके हैं 30 किलो स्मैक
स्मैक के इस अवैध धंधे में दो सगी बहनें और उनके पति सामने आए हैं। इनमें से एक बहन की हादसे में मौत हो चुकी है। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि करीब तीन साल के भीतर वह बरेली से यूएस नगर जिले में 30 किलो स्मैक खपा चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, एक किलो स्मैक की कीमत 2.5 से 3 करोड़ रुपये है। ऐसे में आरोपी इन तीन साल में जिले में 90 करोड़ रुपये की स्मैक खपा चुके हैं। बावजूद इसके पुलिस को कानों-कान खबर नहीं मिली। शनिवार को तीन आरोपियों के पकड़ में आने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ तो लोग चौंक पड़े। ये भी पढ़ें:-
दीवाली पर 3500 उपनल कर्मियों को बोनस का तोहफा, भत्ता भी बढ़ेगा ठाकुरद्वारा में तैयार करते थे पैकेट
पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी जिला बरेली यूपी निवासी शानू पुत्र रहीस अहमद, मोहल्ला हजरतनगर थाना काशीपुर निवासी दंपति खुशीर्द हसन और आसमा को गिरफ्तार कर 1.58 किलो स्मैक बरामद की। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फतेहगंज पश्चिमी निवासी रिफाकत पुत्र शखावत से स्मैक लेकर आते थे। रिफाकत की पत्नी रेशमा गिरफ्तार आरोपी आसमा की सगी बहन है। दोनों दंपति अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ऊधमसिंह नगर जिले में स्मैक की स्पलाई करते थे। कुछ माह पूर्व रेशमा का एक हादसे में देहांत हो गया था। रिफाकत का अधिकतर बड़ी खेप में स्मैक देने का अवैध धंधा ठाकुरद्वारा में है। यहां से स्मैक छोटे-छोटे पैकेट के रूप में सप्लाई की जाती है।