स्कूली बच्चों के सेहत से खिलवाड़ : धूल-धुआं के बीच स्कूलों में वितरण हो रहा नौनिहालों का निवाला

शहरी क्षेत्र के स्कूलों में धूल, धुआं और गंदगी के बीच नौनिहालों का निवाला वितरण किया जा रहा है। सेंट्रल किचन से लेकर स्कूलों तक बगैर ढक्कन डब्बे ( स्टील की कोठी ) में मध्यान्ह भोजन की सप्लाई की जा रही है। जिस तरह से बगैर ढक्कन भोजन की आपूर्ति की जा रही है। इससे भोजन की असुरक्षा और नौनिहालों में इंफेक्शन फैलने की आशंका बढ़ जाती है। यह सब आला अफसरों की नाक के नीचे हो रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि अगर ऐसा है तो सुधार के निर्देश दिए जाएंगे।

खंडवाJan 15, 2025 / 11:57 am

Rajesh Patel

शहरी क्षेत्र के स्कूलों में सेंट्रल किचन से बगैर ढक्कन बंद भोजन की आपूर्ति की जा रही

शहरी क्षेत्र में 29 स्कूलों में पांच हजार से अधिक अध्ययनरत है। कक्षा एक से आठ तक बच्चों को मध्यान्ह भोजन सेंट्रल किचन से आपूर्ति किया जा रहा है। यहां से बगैर ढक्कन के डब्बे में मध्यान्ह भोजन की सप्लाई की जा रही है। ऐसे में बच्चों के सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। खुले में भोजन की आपूर्ति से बच्चों में इंफेक्शन फैलने की आशंका बढ़ गई है।

धूल, धुआं व गंदगी के बीच भोजन का वितरण

शहरी क्षेत्र के स्कूलों में धूल, धुआं और गंदगी के बीच नौनिहालों का निवाला वितरण किया जा रहा है। सेंट्रल किचन से लेकर स्कूलों तक बगैर ढक्कन डब्बे ( स्टील की कोठी ) में मध्यान्ह भोजन की सप्लाई की जा रही है। जिस तरह से बगैर ढक्कन भोजन की आपूर्ति की जा रही है। इससे भोजन की असुरक्षा और नौनिहालों में इंफेक्शन फैलने की आशंका बढ़ जाती है। यह सब आला अफसरों की नाक के नीचे हो रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि अगर ऐसा है तो सुधार के निर्देश दिए जाएंगे।

बगैर ढक्कन बंद किए भोजन की आपूर्ति

सोमवार सुबह 11 बजे रामेश्वर पुलिस चौकी के सामने स्कूल में बगैर ढक्कन स्टील के डब्बे में वेजीटेबल पुलाव और कड़ी पकौड़ा लेकर टैक्सी चालक पहुंचा। टैक्सी पर अलग-अलग छह स्कूलों के लिए चार स्टील कोठी में वेजीटेबल पुलाव व दो कैन में कड़ी पकौड़ा भरा हुआ था। कैन का ढक्कन बंद रहा। वेजीटेबल पुलाव के डब्बे के ढक्कन खुले रहे। एक डिब्बा का ढक्कन आधा खुला हुआ था। सेंट्रल किचन से स्कूल तक पहुंचने में धूल, धुआं और मच्छर, मक्खियां आदि कीट पतंग टकराए होंगे। चिकित्सकों का कहना है कि भोजन का ढककर रखना चाहिए। खुले में मक्खियों के बैठने से इंफेक्शन का खतरा रहता है। पूछने पर टैक्सी चालक ने तर्क दिया कि गर्म भोजन के दौरान ढक्कन बंद नहीं होता है। ढक्कन की जगह कपड़े से ढकते हैं। ढकने के नाम पर एक मटमैला गमछा रखा हुआ था।

सेंट्रल किचन से बच्चों को भोजन की सप्लाई

शहरी क्षेत्र के 29 स्कूलों में सेंट्रल किचन से आकांक्षा समग्र विकास नाम की संस्था बच्चों का मध्यान्ह भोजन सप्लाई कर रही है। संस्था संचालक का कहना है कि आज मैं बाहर हूं। सेंट्रल किचन से स्टील कोठी का ढक्कन बंद कर भोजन की सप्लाई होती है। अगर ऐसा किया गया है तो चेक कराएंगे। आगे से ऐसा नहीं होगा।

एक्सपर्ट व्यू : सीएमएचओ डॉ ओपी जुगतावत का कहना है कि खुले में भोजन को नहीं रखना चाहिए। ढक्कन युक्त बर्तन या फिर कैशरोल की सुविधा हो तो उसमें रखें। खुले में रखे भोजन में मक्खियां बैठती हैं। गर्म भोजन में धूल, धुंआ और कीटाणु के बैठने पर गंदगी घुल जाती है। ऐसे भोजन का सेवन करने से बच्चों में इंफेक्शन, उल्टी दस्त होने का खतरा रहता है।

-प्राथमिक शाला : कक्षा एक से पांच तक का मैन्यू

सोमवार : पुलाव तथा कड़ी पकौड़ा ।

मंगलवार : पूड़ी, छोला। मटर की सब्जी एवं खीर। हलवा ।

बुधवार : जीरा राइस तथा मिक्स सब्जी एवं तुअर दाल ।
गुरुवार : रोटी तथा सोया चंग्स । मूंग या चना बड़ी एवं आलू की सब्जी तथा तुवर की दाल।

शुक्रवार : खिचडी़ मूंग की दाल के साथ तथा आलू मटर की सब्जी ।
शनिवार : रोटी तथा ग्रीन मिक्स सब्जी एवं मिक्स दाल ।

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