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अवैध कनेक्शन हटाने पर पीएचईडी विभाग ने साधी चुप्पी, उपभोक्ता परेशान

एक ओर राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए अवैध कनेक्शनों को सख्ती से रोका जाए जिसे अवांछित लीकेजों को रोककर पेयजल की गुणवत्ता सुधरे और राजस्व में बढ़ोत्तरी हो।

Oct 23, 2024 / 09:35 pm

rohit sharma

राजाखेड़ा. नाली में होकर जा रही पेयजल लाइन से पानी भरते हुए।

धौलपुर. एक ओर राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए अवैध कनेक्शनों को सख्ती से रोका जाए जिसे अवांछित लीकेजों को रोककर पेयजल की गुणवत्ता सुधरे और राजस्व में बढ़ोत्तरी हो। इसके लिए राज्य सरकार ने 5 अक्टूबर से राज्य स्तरीय अभियान आरम्भ किया। जिसमे बड़ी संख्या में अवैध कनेक्शनों को काट कर लाखों का जुर्माना वसूल किया गया। लेकिन जिले के राजाखेड़ा उपखंड में जलदाय विभाग के अधिकारियों को न तो सरकार के इन आदेशों की परवाह है और न ही उपभोक्ताओं के विधिक सेवा प्राधिकरण में दायर याचिका पर न्यायाधीश की कठोर टिप्पणियों और निर्देशों की चिंता। यही कारण है कि अभी भी हजारों अवैध कनेक्शनों से पानी का दोहन हो रहा है।
6000 से अधिक अवैध कनेक्शन

गोरतलब है की राजखेड़ा शहरी क्षेत्र में 10200 से अधिक परिवार निवास करते हैं। इनमे से 4 वार्ड इस परियोजना से बाहर हैं। ऐसे में शेष 20 वार्ड में 8000 से अधिक परिवार परियोजना क्षेत्र में हैं, लेकिन विभाग के पास अधिकृत कनेक्शन 2500 के लगभग ही हैं। ऐसे में शेष लगभग 6000 के आसपास लाइनों से सीधे ही कनेक्शन खोल कर अवैध रूप से पानी तो ले ही रहे हंै। 13 करोड़ की स्कीम को भी क्षतिग्रस्त कर रहे है। विभाग के अधिकारी कानों में तेल डालकर सो रहे हैं।
न्यायालय की लताड़ भी नहीं जगा सकी विभाग को

अवैध कनेक्शनों से परेशान उपभोक्ताओं ने विधिक सेवा प्राधिकरण में वाद दायर किया था। जहां न्यायिक अधिकारी ने विभाग को बुरी तरह लताड़ कर कई बार इनको पूरी तरह खत्म करने के निर्देश देकर कड़ी कार्रवाई के लिए पाबंद किया। जिस पर सुनवाई भी जारी है। पर अवैध कनेक्शन नियमित नहीं हो सके। जो जलदाय विभाग की कर्यप्रणाली पर एक प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है। विभाग की सूचना के अनुसार अभियान में अब तक 232 ही अवैध कनेक्शन उसे दिख पाए हंै, जबकि प्राधिकरण में वह 400 से अधिक अवैध कनेक्शनों की सूची दे चुका है। जिन पर भी अब तक विभाग कार्रवाई नहीं कर पाया है। उधर, सहायक अभियंता प्रताप सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अभियान निरंतर जारी है। अवैध कनेक्शनधारियों के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे।
138 आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत को 3.45 करोड़ रुपए स्वीकृत

जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त 138 आंगनबाड़ी केन्द्रों की तात्कालिक अस्थाई मरम्मत एवं पुर्नस्थापना के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 2 लाख पचास हजार रुपए प्रत्येक के हिसाब से कुल 3 करोड़ 45 लाख रूपए एवं क्षतिग्रस्त सडक़ों एवं पुलियाओं की तात्कालिक अस्थाई मरम्मत एवं पुर्नस्थापना के लिए कुल 2 करोड़ 19 लाख 57 हजार रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
जिला कलक्टर एवं पदेन अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्रीनिधि बीटी ने बताया कि ब्लॉक धौलपुर के 33 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए कुल 82 लाख पचास हजार, ब्लॉक बसेड़ी के 48 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए, ब्लॉक राजाखेड़ा के 24 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 60 लाख रुपए एवं ब्लॉक सैंपऊ के 33 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 82 लाख पचास हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। इसी प्रकार सडक़ों एवं पुलियाओं की मरम्मत के लिए ब्लॉक बाड़ी के 49 कार्यों के लिए 62 लाख 52 हजार रुपए, ब्लॉक बसेड़ी के 28 कार्यों के लिए 26 लाख 46 हजार रुपए, ब्लॉक राजाखेड़ा के 68 कार्यों के लिए 55 लाख 78 हजार रुपए, ब्लॉक सरमथुरा के 18 कार्यों के लिए 16 लाख 50 हजार रुपए एवं ब्लॉक संैपऊ के 44 कार्यों के लिए 58 लाख 31 हजार रुपए की स्वीकृति जारी की गई है।

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