द्विपक्षीय रूप से निपटाया जाना चाहिए विवाद
बुधवार को एक प्रेस सम्मेलन में कहा, ‘कई देशों का मानना है कि यह चिंता का विषय है, लेकिन इस पर चर्चा की जानी चाहिए और द्विपक्षीय रूप से हल किया जाना चाहिए।’ उन्होंने जिस दृष्टिकोण का उल्लेख किया, वह भारत की आधिकारिक स्थिति है, जो 1972 के शिमला समझौते के तहत कहती है कि पड़ोसियों के बीच विवादों को द्विपक्षीय रूप से निपटाया जाना चाहिए। इसमें किसी भी बाहरी भागीदारी का विरोध किया गया है।
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बिना किसी बयान के यह बैठक समाप्त
चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के सामने कश्मीर मुद्दे को उठाया, लेकिन अन्य सदस्यों ने कहा कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है, इसलिए इसे नहीं लिया जाना चाहिए। राजनयिक सूत्रों ने कार्यवाही की जानकारी दी। बिना किसी बयान के यह बैठक समाप्त हो गई। कुरैशी ने इस तथ्य पर जोर दिया कि पांच महीने में दूसरी बार परिषद में कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की गई है।
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CAA-NRC पर भी उगला जहर
परिषद ने पिछले साल अगस्त में कश्मीर मुद्दे पर एक परामर्श आयोजित किया और उस बैठक में भी परिषद के सदस्य द्विपक्षीय मुद्दे में शामिल नहीं होना चाहते थे। इस दौरान कुरैशी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ भारत में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी उल्लेख किया और कहा कि इसे वैश्विक प्रसारण मिल रहा है, क्योंकि यहां अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर कोई रोक-टोक नहीं है, जैसे कि कश्मीर में है। कुरैशी ने कहा कि उन्होंने महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात कर उन्हें इस क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया है।