दरअसल जल्लाद पवन ( Jallad Pawan ) को इस केस के तहत चारों दोषियों को फांसी देने पर 1 लाख रुपए की राशि मिलने वाली थी। पवन ने ये भी बताया था कि वो इस राशि को अपनी बहन की शादी में खर्च करेंगे। लेकिन अब फांसी के रुक जाने की वजह से जल्लाद पवन का ये सपना अधूरा रह सकता है।
इसी महीने संन्यास लेगें महेंद्र सिंह धोनी, इंटरव्यू में किया खुलासा वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट ने फांसी की नई तारीख मांगी है। प्रशासन का कहना है कि दोषी लगातार याचिकाएं दायर करते रहेंगे तो फांसी कैसे होगी?
वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने भी जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है।
वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने भी जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है।
कोर्ट में ऐसी चली बहस
पटियाला कोर्ट में गुरुवार को मुकेश के लिए वकील वृंदा ग्रोवर ने बहस की। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कोर्ट 22 जनवरी के डेथ वारंट को रद्द करे। हमने जेल प्रशासन के सामने राष्ट्रपति और उप राज्यपाल के पास दया याचिका दाखिल की है।
पटियाला कोर्ट में गुरुवार को मुकेश के लिए वकील वृंदा ग्रोवर ने बहस की। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कोर्ट 22 जनवरी के डेथ वारंट को रद्द करे। हमने जेल प्रशासन के सामने राष्ट्रपति और उप राज्यपाल के पास दया याचिका दाखिल की है।
मुकेश की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका को दोपहर 2 बजे खारिज किया। हमने 3 बजे दया याचिका दाखिल कर दी थी। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि आपके आदेश में कोई खामी नहीं है। हम आपके आदेश को चुनौती नहीं दे रहे हैं। आपके डेथ वारंट जारी करने के बाद कुछ बदलाव हुआ है।
हम यह कह रहे हैं कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित है, इसलिए फिलहाल मौत की सजा नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी यही कहते हैं कि राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने का फैसला के मिलने के बाद कम से कम 14 दिन दिए जाने चाहिए।