माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में ‘ राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी ’ आयोजित की गई। वक्ताओं ने कौशल विकास पर अपने विचार रखे। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इंदौर डॉ आरसी दीक्षित ने कहा कि छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है, उन्हें प्रोत्साहन और सही रास्ता दिखाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास से छात्रों को इतना सक्षम बना सकते हैं कि वे नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे।
युवा सशक्तिकरण लिए समर्पण जरूरी बतौर मुख्य वक्ता अंबेडकर विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. डीके वर्मा ने कहा कि युवा सशक्तिकरण के लिए समर्पण के साथ कौशल आवश्यक है। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के विशेष अतिथि एसपी मनोज राय ने कहा कि देश में 65 प्रतिशत युवा हैं । युवाओं को कौशल विकास से सशक्त करें जो 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें । अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्य डॉ. संघमित्रा दुधे ने कहा कि रोजगार की अनंत संभावनाएं हैं । डीएवी के प्रो कन्हैया आहूजा ने कहा कि किसी भी काम को निपुणता से करने के लिए जिटल स्किल को विकसित करना होगा।
नवाचार, तकनीकी का उपयोग पर दिया बल प्रो अर्चना फुलवारी ने नवाचार, तकनीकी का उपयोग,संचार कौशल आदि के बारे में विस्तार में बताया। प्रो अशोक सचदेवा ने संचार कौशल पर चर्चा की, टेक्निकल टूल्स आदि के बारे में विस्तार से बताया। डॉ कुलदीप सिंह फरे ने नई तकनीक के लिए आवश्यक है। डॉ संदीप भट्ट ने कहा कि युवाओं को कौशल विकास से नए स्टार्टअप पर बल दिया। संगोष्ठी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि महापौर अमृता यादव ने कहा कि युवाओं में ऐसी प्रतिभाएं हैं कि वह 10 लोगों को नौकरी दे सकते हैं। पूर्व अध्यक्ष अशोक मिश्रा आदि ने संबोधित किया। संचालन डॉ मीना जैन, डॉ सीमा कदम ने किया।
मॉडल में प्रथम रहीं ये छात्राएं कौशल विषय पर कॉलेज की छात्राओं ने मॉडल की प्रदर्शनी लगाई। इसमें प्रथम उषा बारे, दूसरे स्थान पर रहीं गीता मेरान और तीसरे स्थान पर कशिश पटेल रहीं।