पंडित सुनील शर्मा के अनुसार ऐसे में इस बार मंगला गौरी व्रत की तिथियां हर कोई जानना चाहता है, वहीं व्रत की पूजन विधि और महत्व को भी समझना जरूरी है….
आज 7 july 2020 सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और मंगलवार दिन है। आज सावन का पहला मंगला गौरी व्रत Mangala Gauri Vrat 2020 है।
ऐसे में आज के दिन यानि इस मंगलवार को मां मंगला गौरी Mangala Gauri यानि माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन विशेषकर महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं। इस बार सावन माह में चार मंगला गौरी व्रत और पांच सावन सोमवार हैं।
: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
: निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा कोरे (नवीन) वस्त्र धारण कर व्रत करना चाहिए।
: इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है।
: एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां मंगला गौरी यानी मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें।
फिर माता गौरी की तस्वीर या मूर्ति को चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए और आटे से निर्मित दियाली में दीपक जलाकर षोडशोपचार से मां का पूजन करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) सामग्री…
इस पूजन में षोडशोपचार में माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें। ध्यान रखें कि इनकी संख्या 16 होनी चाहिए। इसमें फल, फूल, माला, मिठाई और सुहाग की वस्तुओं को शामिल करें। संख्या लेकिन 16 ही हो। पूजन समाप्ति के बाद आरती पढ़ें। मां से अपनी मनोकामना पूर्ति का अनुनय-विनय करें। विद्वान कहते हैं कि इस व्रत में एक बार अन्न ग्रहण करने का प्रावधान है।
मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) से ये मिलता है आशीर्वाद…
मंगला गौरी व्रत पूजन से व्रती का सौभाग्य अखंड होता है। यदि किसी के दांपत्य जीवन में कोई कष्ट होता है तो वह भी मां की कृपा से दूर हो जाता है। इसके देवी मां जीवन में सुख और शांति का आर्शीवाद देती हैं। यदि व्रती को संतान प्राप्ति की मनोकामना हो तो यह व्रत करने से उसकी यह भी कामना पूरी होती है। देवी पार्वती भक्त से बड़ी ही जल्दी प्रसन्न हो जाती है। नियम बस इतना है कि व्रती पूरी श्रद्धा और निष्कपट भावना से मां का व्रत और पूजन करें।