Narmadapuram Regional Industry Conclave hopes for ethanol factory in Betul
industries : जिले में छोटे और मझौले उद्योगों के लिए नाबार्ड ने बेहतर संभावनों की स्थिति को देखते हुए करीब 8 हजार करोड़ की ऋण संभाव्यता जताई है। नाबार्ड ने वर्ष 2025-26 की प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 13 हजार 806 करोड़ की जो संभाव्यता युक्त ऋण योजना (पीएलपी) बनाई है, उसमें सबसे ज्यादा 7961.62 करोड रुपए का प्रावधान एमएसएमई के लिए किया है। इसी हिसाब से सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंक अपनी वार्षिक ऋण योजना तैयार करेंगे। वर्तमान में जिले में 12 हजार एमएसएमई उद्योगों का संचालन हो रहा है।
industries : कृषि दूसरा बड़ा क्षेत्र होगा
नाबार्ड अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ऋण संभाव्यता में 16.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऋण योजना में फसल उत्पादन रखरखाव व वितरण के लिए 2 हजार 484.53 करोड़ रुपए, कृषि व संबंधित क्षेत्रों में निवेश ऋण के लिए 2 हजार 368.59 करोड़ रुपए, कृषि आधारित संरचना एवं सहयोगी इकाइयों के लिए 225.87 करोड रुपए, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 7 हजार 961.62 करोड रुपए, और अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए 763.47 करोड़ रुपए की ऋण संभाव्यता का आंकलन किया गया है।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए संभाव्यता युक्त ऋण योजना तैयार करता है। इस योजना का विमोचन कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने किया। यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार तैयार की जाती है। इसमें प्राथमिकता क्षेत्रों में एमएसएमई क्षेत्र में सबसे ज्यादा संभावना जताई गई है।
industries : अब अग्रणी बैंक बनाएगा प्लान
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अपूर्व गुप्ता ने बताया कि संभाव्यतायुक्त ऋण योजना दस्तावेज में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक ऋण के माध्यम से दोहन की संभावना का आंकलन किया जाता है। अब अग्रणी बैंक जिले का वार्षिक क्रेडिट प्लान तैयार करेगा।
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