एयरफोर्स के जवानों ने चिनूक ( Chinook ), मिग-29 ( Mig 29 ), अपाचे ( Apache ) सहित अन्य आधुकनिक तकनीक वाले फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर नाइट ऑपरेशन किया। दरअसल चीन अपनी बातों पर कभी भी कायम नहीं रहा है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को लेकर बढ़ा कोरोना वायरस का खतरा, जानें क्यों परिजनों की बढ़ गई चिंता गलवान घाटी (India and China Standoff) में भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला से लेकर 1962 में पीठ में छुरा भोंकने तक उसकी हरकतों को भारतीय सेना अच्छे पहचान चुकी है। यही वजह रही कि इस बार भारतीय जवान कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं थे।
धरती के सबसे करीब आ रहा है शुक्र ग्रह, जानें किस तरह आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, क्या पडे़गा जीवन पर असर पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर चीन को इशारों में समझा चुके हैं कि यह 1962 वाला भारत नहीं है। समय पर आने पर ये मुंह तोड़ जवाब देने की क्षमता रखता है। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद भले ही चीनी सैनिकों ने अपने कदमों को पीछे किया लेकिन भारत उसकी फितरत को ध्यान में रखते हुए रात पर चौकन्ना रहा।
भारत-चीन सीमा के पास एक फॉरवर्ड एयर बेस में वरिष्ठ फाइटर पायलट ग्रुप कैप्टन ए राठी के मुताबिक, ‘नाइट ऑपरेशन’ अचानक होता है। वायुसेना हर तरह के हालातों में आधुनिक प्लेटफार्म और अपने उत्साही जवानों के तैयार रहती है।
उत्तराखंड बॉर्डर पर चौकस भारतीय वायुसेना ने चीन और नेपाल सीमा के पास चॉपर से तीन बार उड़ान भरकर जायजा लिया।
मिग 29 लड़ाकू विमान लगातर सरहद कि चौकसी में जुटे हुए हैं। रात को भी मिग-29 ने अपनी उड़ान के साथ ड्रैगन पर कड़ी नजर रखी। चीन की चालों को ध्यान में रखते हुए थल से नभ तक उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
मिग 29 लड़ाकू विमान लगातर सरहद कि चौकसी में जुटे हुए हैं। रात को भी मिग-29 ने अपनी उड़ान के साथ ड्रैगन पर कड़ी नजर रखी। चीन की चालों को ध्यान में रखते हुए थल से नभ तक उस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सीमा के पास अपाचे ने भी रात में अपना जौहर दिखाया। युद्धक हेलिकॉप्टर ने पूरी तैयारी के साथ फारवर्ड एयरबेस से भारत-चीन सीमा के ऊपर उड़ान भरी चीन की एक-एक हरकत पर बाज की तरह नजर रखी।