केंद्रीय मंत्री का दावा, तृणमूल का पलटवार
केंद्रीय मंत्री मजूमदार ने दावा किया कि गंगासागर मेले को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री वास्तव में गंगासागर मेले का विकास करना चाहती हैं तो वे हमारे साथ चलें। हम उन्हें प्रधानमंत्री से मिलाएंगे। केंद्र गंगासागर मेला और ब्रिज के लिए अवश्य फंड देगी। लेकिन, इसके लिए मुख्यमंत्री को केंद्र की भी मदद करनी होगी। मजूमदार ने आरोप लगाया कि गंगासागर मेले से प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले बैनर और पोस्टर हटाए जा रहे हैं। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए राज्य के बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने कहा कि सुकांत मजूमदार बंगाल में भाजपा की सरकार बनने का दिवा-स्वप्न देख रहे हैं। सौ साल में भी बंगाल में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी और गंगासागर राष्ट्रीय मेला बन जाएगा। पुरी के शंकराचार्य और देश की जनता ने इसे राष्ट्रीय मेला घोषित कर दिया है। उन्होंने पूछा कि मजूमदार को कैसे पता चला कि ममता बनर्जी ने गंगासागर को राष्ट्रीय मेला घोषित करने लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र नहीं लिखा है। मजूमदार छोटे मंत्री हैं। उनमें प्रधानमंत्री से इस बारे में पूछने की हिम्मत नहीं है। बिजली मंत्री ने मेला परिसर से प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले बैनर-पोस्टर हटाए जाने का भी खंडन किया।
इस बार मेले की हाई-टेक सुरक्षा
बांग्लादेशी घुसपैठियों की संभावित सक्रियता को देखते हुए सुरक्षा चाक-चौबंद है। खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को सतर्क किया है कि दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में भीड़ का फायदा उठाकर अवैध घुसपैठ हो सकती है। सुंदरवन जिले की पुलिस ने सागर द्वीप के तटीय प्रवेश बिंदुओं, जैसे काकद्वीप के लॉट नंबर 8 और नामखाना के चेमागुरी पर कड़ी निगरानी रखी। मेले क्षेत्र में 13 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती रही। भारतीय तटरक्षक बल ने भी सुरक्षा में सहयोग किया। गंगा सागर मेले को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए 1,150 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए। भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुम्भ मेले की तर्ज पर इस अवधि में द्वीप पर आयोजित गंगासागर मेले को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग की है।