उस दौर में गुरु द्त और गीता दत्त (Geeta Dutt) की जोड़ी को सबसे हिट जोड़ियों में से एक माना जाता था लेकिन इनकी लव स्टोरी का अंत उतना ही दर्दनाक रहा है। दरअसल, साल 1951 में गुरु दत्त (guru dutt and love story) निर्देशक के रूप फिल्म ‘बाजी’ में बना रहे थे और इस फिल्म में अपनी आवाज देने गीता दत्त भी वहां जाया करती थीं। और इस फिल्म के सेट पर ही गीता और गुरु की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद दोनों के तीन बच्चे भी हुए। लेकिन अचानक खुशहाल परिवार में ऐसी दरार आनी शुरू हो गई कि गुरु दत्त ने गीता को फिल्मों में गाने से रोक दिया।
ऐसा कहा भी जाता था कि यदि गीता लगातार गाती रहतीं तो लता मंगेशकर को भी कड़ी टक्कर दे सकती थीं। एक समय ऐसा आया कि गुरुदत्त के जीवन में वहीदा रहमान ने अपनी जगह बनानी शुरू कर दी। लेकिन गुरूदत्त गीता और अपने बच्चों से बेइंतहा प्यार करते थे। लेकिन वहीदा रहमान के आने से गुरु दत्त का घर बिखर कर रह गया। गीता के दूर जाने से गुरुदत्त डिप्रेशन में चले गए।
गुरु दत्त ने गीता से रिश्ते सुधारने के लिए कई तरह से मनाने की कोशिश की लेकिन गीता उनके साथ रहने को भी तैयार नही थी। गीता के साथ बढ़ रही दूरियों के चलते गुरु दत्त ने खुद को शराब में डूबो लिया।
कहा जाता है कि मरने से पहले गुरु दत्त ने जमकर शराब पी थी। और आखिरी बार उन्होंने गीता से बेटी को मिलानेकी बात कही था।लेकिन गीता ने बेटी का वहां ले जाने से इंकार कर दिया। इसके बाद बेटी से मिलने के लिए वो लगातार गीता को फोन कर ते रहे, यहां तक कि उन्होंने धमकी तक दे डाली, कि मेरी बेटी से मुझे मिला दो नही तो मेरा मरा हुआ मुंह देखोगी। फिर क्या था गुरु दत्त ने उस रात इतनी शराब पी और खाना खाकर सो गए। वह फिर नहीं उठे. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि उन्होंने नींद की गोलियां खाई, लेकिन गुरु दत्त की मौत पर पक्के तौर पर आज भी कुछ नहीं कहा जा सकता. उनकी मौत को रहस्य ही माना जाता है।
उधर, गुरु दत्त की मौत के बाद गीता भी गहरे सदमे में चली गई। वह भी ज्यादा शराब पीने लगीं, लिवर की बीमारी से सिर्फ 42 साल की उम्र में गीता दत्त की भी मौत हो गई. गौरतलब है कि गीता दत्त ने बॉलीवुड में 500 से ज्यादा गाने गाए हैं।