कार्बन डेटिँग से निर्धारित होगा कालखंड: शोधा र्थियों ने चिन्हित जगहों से कई उपयोगी पत्थरों को निकाला। मानक स्तर पर इन्हें परखा फिर इनकी केटेगरी निर्धारित की गई है। मानव सर्वेक्षण विभाग अब इन उपकरण को कार्बन डेटिंग करने विभिन्न लैब भेजनें वाला है। जिससे इनके कालखंड का सटीक अनुमान लगेगा। इस टीम में शामिल विवि में एंथ्रोपालाजी की सहायक प्राध्यापक डा सुकृता तिर्की ने बताया कि प्रमुख जलस्त्रोत से हमने चाकू, छीलन, छेद करने वाले औजार, तीर की नोंक, ग्राइंडिंग वाले पत्थर प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा केशकाल के पास की पहाड़ी में शैल चित्र मिले हैं। इनमें सामूहिक शिकार, परिवार व हथेली के चिन्ह साफ नजर आ रहे हैं। कार्यालय प्रमुख्, मानव विज्ञान सर्वेक्षण डा पीयुष रंजन साहू ने बताया कि बस्तर के कई जगहों से हमने पाषाण के नमूनों का संग्रह किया है।