मिशन के तहत हर ब्लॉक में 16 लाख रुपए की लागत से एक प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनेगा, जिसमें प्लास्टिक कचरा एकत्रित होगा। फिलहाल जिले में बूंदी के अस्तोली कांजरी सिलोर व ङ्क्षहडोली के चतरंगज में प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। अन्य ब्लॉक के लिए जगह चिन्हित की जा रही है। इस यूनिट के लगने से गांव प्लास्टिक मुक्त व अधिक सुंदर तथा स्वच्छ नजर आएंगे। पूरे पंचायत से एकत्रित प्लास्टिक यहां प्लांट पर आएगी। जहां उसका निस्तारण किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत संबंधित जिले में गोपालन विभाग से पंजीकृत गोशालाओं में गोबर गैस प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक गोशाला को 50 लाख रुपए मिलेंगे। फिलहाल डाबी के श्रीगोपाल गोशाला का पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चयन किया गया है, जिसका 50 फीसदी काम हो चुका है। शेष कार्य बजट के अभाव में अटका हुआ है। इसके निर्माण के निर्माण के बाद गांवों में पाइप लाइन बिछेगी ओर बायोगैस बनेगी।
जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में 10 लाख रुपए की लागत से कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन प्रत्येक पंचायत पर एक बीघा जमीन आवंटित कर रहा है।। यहां सूखा, गीला व कांच कचरा डिस्पोजल के लिए यह मशीन लगेगी, जिसमें अलग-अलग कचरे का निस्तारण होगा। इनसे खाद बनाकर पंचायतें कमाई भी करेंगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसके लिए 79 स्वीकृति जारी हो चुकी है। इनमें से 11 के काम पूरे हो गए, जबकि 21 में कार्य चल रहा है।
निजामुद्दीन, जिला परियोजना समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन बूंदी