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बुंदेलखंड में भयानक रूप लेता कैंसर, रोजाना बढ़ रहे मरीज

– रसायन,प्लास्टिक का अंधाधुंध उपयोग शरीर में बढ़ रहा कैंसर कोशिकाएं – सागर में ही रोज 5 नए मरीज सामने आ रहे, अनियमित जीवन शैली भी बन रही कारण सागर. बुंदेलखंड क्षेत्र में कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं, इसका प्रमुख कारण शरीर में ऐसे जीन की संख्या बढ़ रही है जो कैंसर कोशिकाएं बना […]

सागरNov 04, 2024 / 07:57 pm

प्रवेंद्र तोमर

– रसायन,प्लास्टिक का अंधाधुंध उपयोग शरीर में बढ़ रहा कैंसर कोशिकाएं

– सागर में ही रोज 5 नए मरीज सामने आ रहे, अनियमित जीवन शैली भी बन रही कारण

सागर. बुंदेलखंड क्षेत्र में कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं, इसका प्रमुख कारण शरीर में ऐसे जीन की संख्या बढ़ रही है जो कैंसर कोशिकाएं बना रहे हैं। माउथ कैंसर के अलावा बच्चादानी, ब्रेस्ट व ब्लड कैंसर ज्यादा सामने आ रहा है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कैंसर कोशिकाएं बढऩे का कारण सिर्फ तंबाकू और स्मोकिंग ही नही, प्लास्टिक सामग्री, रसायन व अनियमित जीवन शैली भी हो सकती है, जारी शोध में नए-नए हानिकारक जीन शरीर में मिल रहे हैं जो कैंसर कोशिकाओं को म्यूटेड कर रहे हैं। हालात ये हैं कि बीएमसी लैब से हर दिन औसत 5 नए केस सामने आ रहे हैं और वार्ड में हर माह 4 मरीज दम तोड़ देते हैं, भोपाल-नागपुर और मुंबई में भी क्षेत्र के मरीजों की मौतें हो रहीं हैं।
केस 01

रहली क्षेत्र का 30 वर्षीय युवक सागर में रहता है, वह कोई नशा नहीं करता, सब्जी-भाजी, आटा अपने घर से मंगाता था। उसे आंत का कैंसर बताया गया, मुंबई के डॉक्टर ने रसायनों के उपयोग से कैंसर होना बताया।
केस 02

देवरी क्षेत्र के 22 वर्षीय युवक को ब्लड कैंसर है। वह न तो तंबाकू खाता है और न ही धूम्रपान व शराब पीता है। वह किसान है। पेस्टिसाइड्स से कैंसर होना कारण बताया गया है।
केस 03

-बड़ा बाजार निवासी एक संपन्न परिवार के 28 वर्षीय युवक को ब्लड कैंसर हुआ। हिस्ट्री पूछने पर परिजनों ने बताया कि युवक बेहद साधारण जीवन जीता था। अब मुंबई में इलाज करा रहा है।
बीएमसी के कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील गौर की मानें तो-

-पेपर कप में 20 हजार से अधिक माइक्रो प्लास्टिक कण होते हैं जो गर्म चाय के साथ सीधे पेट में जाते हैं।

-पेस्टिसाइड्स अनाज या जल स्त्रोतों के माध्यम से शरीर में जा रहा है।
-धूम्रपान व तंबाकू के निकोटिन में मौजूद 70-80 केमिकल शरीर में जा रहे हैं।

-महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का प्रमुख कारण एस्ट्रोजन हार्मोन्स है। शादी व बच्चे समय पर न होने और बेतरतीब जीवन शैली कारण।
एआइ तकनीक से देखी जा रहीं कैंसर कोशिकाएं-

कैंसर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सागर के मेडिकल कॉलेज में भी 4 साल से रिसर्च जारी है, जो रिजल्ट के लगभग नजदीक है। कोशिकाओं में कैंसर के पहले होने वाले परिवर्तन को एआइ तकनीक से देखा जा सकता है। मशीन को 5 से 10 हजार कोशिकाओं की पहचान कराई जा रही है।
फैक्ट फाइल-

45-50 कैंसर जांचें रोज हो रहीं।

5 नए मरीज प्रतिदिन सामने आ रहे।

50 प्रतिशत माउथ कैंसर के मरीज युवा।

4 मरीज बीएमसी में हर माह दम तोड़ रहे।
15 महिलाएं रोज ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए पहुंच रहीं।

2-3 महिलाओं में प्रतिदिन ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हो रही।

-कैंसर के लिए पर्याप्त विशेषज्ञ डॉक्टर्स नहीं है, सबसे बड़ी चुनौती समय पर जांच की है, कैंसर होने से पहले ही यदि अनियंत्रित कोशिकाओं का पता चल जाए तो इलाज सामान्य दवाओं से भी किया जा सकता है।
डॉ. ज्योति चौहान, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं।

-स्थिति ज्यादा चिंताजनक है, पद संभालते ही कैंसर हॉस्पिटल के लिए प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा है। ऐसी तकनीक आए कि कैंसर कोशिकाओं का पहले ही पता चल जाए तो इसका बेहद फायदा होगा, मरीजों की जान हम बचा सकते हैं।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।

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ऐसे बढ़ रही मरीजों की संख्या

प्रत्येक माह सामने आ रहे मरीज-90-120 कुल मरीजों में कैंसर की पुष्टि हो रही।

30-40 ब्रेस्ट कैंसर।25-30 माउथ कैंसर।
10-12 बच्चादानी कैंसर। 10-15 आंत का कैंसर।

08-10 ब्लड कैंसर। 5-10 श्वांस नली कैंसर।

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