दरअसल गोवा ( Goa ) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुरेश अमोनकर ( Dr. Suresh Amonkar ) का कोविड-19 ( Covid 19 ) के कारण निधन हो गया है। अमोनकर भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) की गोवा यूनिट के पूर्व अध्यक्ष भी थे। डॉ. सुरेश अमोनकर ने 68 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। बीजेपी नेता के निधन से देशभर के राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
22 जून को हुई थी कोरोना की पुष्टि
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. सुरेश अमोनकर 22 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें राज्य के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। कोरोना संघर्ष करते हुए 6 जुलाई को अमोनकर ने दुनिया को अलविदा कर दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. सुरेश अमोनकर 22 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें राज्य के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। कोरोना संघर्ष करते हुए 6 जुलाई को अमोनकर ने दुनिया को अलविदा कर दिया।
चीन के पीछे हटने के बाद भारतीय वायुसेना ने रात भर चलाया खास ऑपरेशन, तस्वीर और वीडियो में देखें सेना का साहस स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने भी गोवा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमोनकर के कोरोना से निधन की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के कोविड-19 से हुए निधन की खबर सुनकर दुखी हूं।
डॉ. सुरेश अमोनकर के निधन की खबर सुनकर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्वीट कर कहा, ‘गोवा की भाजपा यूनिट के पूर्व अध्यक्ष और गोवा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री के निधन की खबर से काफी दुख हुआ।
गोवा राज्य के लिए उनका योगदान बहुत बड़ा है और इसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’ मानसून बदल रहा है अपनी चाल, मध्य भारत से लेकर देश के इन इलाकों में जोरदार बारिश का जारी हुआ अलर्ट, जानें अपने इलाके का हाल
वहीं डॉ. अमोनकर के निधन पर विपक्ष के नेताओं ने भी दुख प्रकट किया। दिगंबर कामत ने ट्वीट कर कहा, ‘मेरे करीबी दोस्त, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुरेश अमोनकर के निधन से हैरान हूं।
मैंने उनके साथ एक अच्छी बॉन्डिंग साझा की। वह अपने व्यक्तिगत, पेशेवर, राजनीतिक और सामाजिक जीवन में ईमानदारी से रहे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।’ आपको बता दें कि अमोनकर पहली बार गोवा विधानसभा के लिए पाले विधानसभा सीट से चुने गए थे। इसके बाद इस सीट का नाम सन्खालिम कर दिया गया।
डॉ. अमोनकर ने साल 1992 और 2002 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। अमनोकर दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के भी करीबियों में गिने जाते थे।