Bihar News: नीतीश ने बिहार को विकास और गवर्नेंस की नयी शब्दावलियां दीं : नवल

Bihar News: पटना. बिहार जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विकास और गवर्नेंस की नयी शब्दावलियां दीं। और उन्हें सफलतापूर्वक जमीन पर उतार भी दिया। शर्मा ने सोमवार को कहा कि ‘पांच एस’ यानी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, साइकिल,और सुरक्षा। यह विकास की ऐसी शब्दावलियां हैं जो नीतीश कुमार […]

पटनाJan 20, 2025 / 05:24 pm

Pulakit

Bihar News: पटना. बिहार जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विकास और गवर्नेंस की नयी शब्दावलियां दीं। और उन्हें सफलतापूर्वक जमीन पर उतार भी दिया। शर्मा ने सोमवार को कहा कि ‘पांच एस’ यानी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, साइकिल,और सुरक्षा। यह विकास की ऐसी शब्दावलियां हैं जो नीतीश कुमार के पूर्व न कभी सुनी गईं थीं न महसूस की गईं थीं। लालू के शासनकाल में बिहार के लोग इस तरह के शब्दों को सुनने के लिए तरस गये थे। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार ‘तीन सी’ यानी क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म। सारे लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार ने आज तक अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कभी समझौता नहीं किया। यह शुद्ध रूप से शासकीय विजन का मसला है, जिसका थोड़ा अंश भी तेजस्वी यादव में दूर दूर तक नहीं दिखता। तेजस्वी जिस परंपरा के प्रतिनिधि हैं उसमें गवर्नेंस और विकास के लिए कोई जगह नहीं है।

Bihar News: मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में कई मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों का हो रहा है निर्माण : मंगल

Bihar News: पटना. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में प्रदेश के लोगों को बेहतर इलाज प्रदान करने के उद्देश्य से कई मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। पांडेय ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में बहुआयामी सुधार की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए बक्सर जिले के डुमरांव में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बक्सर का निर्माण कराया जा रहा है। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, बक्सर का निर्माण 25 एकड़ कैम्पस में 515 करोड़ रूपये की लागत से कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 25 एकड़ कैम्पस में हॉस्पिटल ब्लॉक, ओपीडी ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक और रेजिडेंशियल ब्लॉक आदि का निर्माण जारी है। भवन निर्माण का कार्य तेजी से जारी है, जो वर्ष 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पाण्डेय ने बताया कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, बक्सर में हर वर्ष 100 छात्रों के नामांकन की क्षमता होगी। इस हॉस्पिटल में 500 बेड की सुविधा दी जा रही है। साथ-साथ 250 कैपेसिटी का बॉयज हॉस्टल, 250 कैपेसिटी का गर्ल्स हॉस्टल, 54 कैपेसिटी का इंटर्न हॉस्टल, 62 कैपेसिटी का रेजिडेंट हॉस्टल और 49 कैपेसिटी का नर्स हॉस्टल बनाया जा रहा है।

Bihar News: रेजिडेंशियल के साथ बनाई जा रही नाइट शेल्टर और धर्मशाला

Bihar News: इस परिसर में रेजिडेंशियल ब्लॉक के तहत प्रिंसिपल, एमएस, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर रेजिडेंसी, नॉन टीचिंग स्टाफ क्वार्टर, नाइट शेल्टर और धर्मशाला भी बनाई जा रही है। इसके साथ कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में आधुनिक मेडिकल उपकरण, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सौर प्रणाली, सीसीटीवी आदि आधुनिक सुविधाएं भी लगाई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कुमार के नेतृत्व में राज्य में कई नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की गई है। इससे न केवल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा के लिए बेहतर अवसर मिल रहे हैं, बल्कि राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध हो रही हैं। यह कदम बिहार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, बक्सर का निर्माण बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र को नए आयाम प्रदान करेगा और राज्य को एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।

Bihar News: एमएलए-एमएलसी को नहीं मिली दिसंबर महीने की सैलरी

Bihar News: पटना। कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम-2 (सीएफएमएस-2) में तकनीकी समस्या के कारण पूरे बिहार में 13 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान अटक गया है। इसमें वेतन-पेंशन की राशि भी है। स्थिति यह है कि माह के पहले सप्ताह में ही वेतन पाने वाले विधायकों व विधान पार्षदों के खाते में भी अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। पेंशनधारक भी इस समस्या से रूबरू हैं। उल्लेखनीय है कि विभागों के बीच वित्तीय लेन-देन के लिए सीएफएमएस-2 नई व्यवस्था है। केंद्र सरकार के निर्णय-निर्देश के अनुसार, अब हर प्रकार का लेन-देन इसी व्यवस्था से होगा। वित्तीय अनुशासन के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को प्रभावी कर दिया।
इसके लिए वित्त विभाग सहित विभिन्न विभागों में कोषागार से संबद्ध अधिकारियों-कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है, फिर भी तकनीकी समस्या पेश आ रही। इस कारण तीन जनवरी से राज्य सरकार की वित्तीय गतिविधियां रुक सी गई हैं।

पहले कब आती थी सैलरी?

विधायकों-विधान पार्षदों और सरकारी सेवकों के वेतन-पेंशन के साथ विभिन्न विभागों और सरकारी एजेंसियों के विपत्रों का भुगतान लटका हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विधान पार्षद ने बताया कि इससे पहले प्रत्येक माह की पहली से तीसरी तारीख के बीच वेतन मिलता रहा है। इस बार अब तक बैंक खाते में राशि नहीं आई। कुछ सरकारी सेवक भी यही दुखड़ा सुना रहे।

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