जयपुर। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को आपने मैदान पर एक्सट्रा कवर में मारते देखा होगा। गांगुली की स्ट्रेट ड्राइव भी नहीं भूले होंगे। धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट भी आपको याद होगा, लेकिन क्या आपने किसी क्रिकेटर को पैर से गुगली फेंकते और गर्दन और कंधों से बल्ला पकड़कर सिक्सर लगाते देखा है। नहीं ना! तो हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले आमिर हुसैन को आप ऐसा करते देख सकते हैं। अंपायर का इशारा मिलते ही वह पैरों के साथ गेंद पकड़ कर बल्लेबाज की तरफ तेजी से फेंकते हैं। अपने ही स्टाइल से बैट उठाते हैं और छक्का जड़ डालते हैं। पिछले दिनों उनका यह कमाल लखनऊ के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में देखने को मिला, जहां वह इंटर स्टेट पैराओलम्पिक क्रिकेट चैंपियनशिप में खेलने आए थे। 7 साल की उम्र में हुआ हादसा हम आपको बता दें कि आमिर जब 7 साल के थे तब वह आरा मशीन में फंस गए थे और उसी दौरान वह अपने दोनों हाथ खो बैठे थे। जहां उसने पिता काम करते थे। वह आरा मशीन की ब्लेड से बुरी तरह कट गया था कि वहां काम करने वाले श्रमिक भी उन्हें छूने का साहस नहीं कर सके और वह लहूलुहान होकर गिर गया था। इसके बाद आर्मी को सूचना दी गई और उनका प्राथमिक उपचार आर्मी कैंप किया गया जिसके बाद उनको श्रीनगर के अन्य अस्पातल में ले जाया गया। डॉक्टर्स ने अनेक ऑपरेशन कर कंधों से उनकी बाहों को अलग कर उनको नया जीवनदान दिया। उन्होंने लगभग तीन साल श्रीनगर में अस्पतालों में बिताए जिससे उनकी चिकित्सा का खर्च उठाने के लिए उनके पिता को जमीन बेचने केलिए मजबूर होना पड़ा। पैरों से लिखना सीख आमिर ने की 12वीं पास ठीक होने के बाद शिक्षा प्राप्त करना आमिर के लिए अगला चैलेंज था। लेकिन बिना हिम्मत हारे आमिर ने पैरों से लिखना सीख कर 10वीं, 12वीं की परीक्षा भी पास की। इसके बाद उन्होंने बिजबेहरा में एक डिग्री कॉलेज में दाखिला लिया। आमिर क्रिकेट खेलने और तैरने का शौकिन है। पहली बार कब सुर्खियों में आए आमिर पहली बार आमिर जब बिजबेहरा से खेले तो सुर्खियों में आए और उसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर नेशनल पैरा क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई। आमिर ने क्रिकेट के कई मुकाबलों में अवार्ड भी जीते हैं। 22 वर्षीय आमिर के जज्बे को देख कर हाथ खुद ही उसे सलाम करने के लिए उठ जाते हैं। आमिर हुसैन जम्मू-कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान है जो दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी इंस्पायरिंग क्रिकेट खेलते हैं।