तालाब में तैरते हुए 40 फीट ऊंचे रावण का होगा दहन

राक्षसों के जमीन अथवा आसमान में नहीं मरने जैसे चतुराई वाले वरदानों के किस्से जरूर सुने होंगे। यहां सिरसिदा में इसे देखा भी जा सकता है। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर जिले के ग्राम सिरसिदा में दशहरा पर जमीन अथवा आसमान में नहीं बल्कि तालाब के बीचोबीच तैरते हुए रावण का दहन किया जाता है।

Oct 11, 2024 / 11:53 pm

Chandra Kishor Deshmukh

Vijayadashami राक्षसों के जमीन अथवा आसमान में नहीं मरने जैसे चतुराई वाले वरदानों के किस्से जरूर सुने होंगे। यहां सिरसिदा में इसे देखा भी जा सकता है। जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर जिले के ग्राम सिरसिदा में दशहरा पर जमीन अथवा आसमान में नहीं बल्कि तालाब के बीचोबीच तैरते हुए रावण का दहन किया जाता है। रावण दहन के दौरान तालाब के बीच आकर्षक अतिशबाजी भी होती है। तब गांव के कुछ लोगों का अलग करने का जुनून और अब तालाब के बीच रावण दहन की परंपरा आगे बढ़ रही है।

27 वर्षों से जला रहे 40 फीट का पुतला

सिरसिदा के समिति के सदस्य खेमन, अक्षय, प्रहलाद, लवण, रामगोपाल, चंद्र प्रकाश, ढालसिंह, टोमेन्द्र, डोगेन्द्र, बालगोविंद, तोरण गिरधर, प्रेमलाल, धर्मराज, खिल्लू, गुलाब, कोमेंद्र, रितेश, जितेश्वर, तानु पटेल, धन्ना, गौरव, यशवंत, चंदन, आशीष, तुलेश्वर, रामकृष्ण, मिलन, दीपक, खिलेंद्र आदि ने बताया कि कुछ अलग करने के जुनून में वर्ष 1994 में पहली बार तालाब के बीच रावण का पुतला खड़ा कर जलाया गया। शुरुआत के कुछ सालों को छोड़ कर हर बार 40 फीट का पुतला जलाया जा रहा हैं।
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ऐसे हुई रावण दहन की शुरुआत

उन्होंने बताया कि शिक्षक सीपी चंद्राकर और स्वास्थ्य कर्मचारी जीआर शर्मा ने साइकिल के ट्यूब पर पानी के भीतर वजन लटकाकर 10 फीट के खंभे को बैलेंस करने का जुगत तैयार किया। खंभा तालाब में कई दिनों तक तैरता रहा। इससे प्रेरित होकर साइकिल एवं ट्रैक्टर के चार ट्यूब के सहारे रावण का पुतला खड़ाकर तालाब में छोड़ दिया। यह प्रयोग सफल रहा। तब से तालाब के बीच में पुतला दहन किया जा रहा है। इस दिन राम लीला का मंचन व आकर्षक आतिशबाजी भी होती है।
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बारूद के राकेट से जलाते हैं पुतला

रावण दहन के पहले तालाब किनारे रामलीला का मंचन होता है। इसके लिए 12 पिलहर पर मंच तैयार किया जाता है। राम लीला के मंचन में भगवान राम की भूमिका निभा रहे पात्र बारूद के राकेट से रावण के पुतले की नाभि को भेदते हैं। नाभि में पेट्रोल भरा होता हैं जिससे रावण का पुतला जल जाता है।

दो बार मशाल के सहारे किया रावण दहन

प्रेमलाल ठाकुर ने बताया कि 27 साल में दो बार विपरीत मौसम रहा। बारिश के कारण रावण का पुतला बारूद के सहारे जलाया जा सका। वर्ष 2002 व 2014 में ऐसी स्थिति बनी तो तालाब में उतार कर मशाल के सहारे पुतला दहन किया गया। तालाब में पुतला खड़ा करने में कभी भी परेशानी नहीं हुई है। चंद्रप्रकाश साहू ने बताया कि 12 अक्टूबर को आदर्श राम लीला मंडली सिरसिदा पुतला दहन करेगी। दशहरा के दिन रात्रि में10 बजे नाचा पार्टी कवर्धा कबीरधाम वाले का कार्यक्रम रखा गया हैं।

तार्री में विजयादशमी के दिन भगवान राम के साथ रावण की होगी पूजा

बालोद. जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर के गुरुर विकासखंड के ग्राम तारी गांव में लगभग 70 वर्षों से विजयदशमी के दिन यहां रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता बल्कि यहां रावण की मूर्ति की पूजा की जाती है। यहां भगवान राम के साथ रावण की पूजा होती है।

रावण की प्रतिमा के सामने भगवान राम का मंदिर

इस गांव की रोचक बात यह भी है जिस जगह रावण की प्रतिमा है, ठीक उसके सामने भगवान राम जानकी का मंदिर भी है। ग्रामीण व सरपंच पति संतोष चंदन, ग्राम पटेल रूपराम बढ़ई सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोग लंकापति रावण को बेहद ज्ञानी पंडित मानकर उसकी पूजा करते हैं। इस दिन असत्य पर सत्य की जीत पर भगवान राम की पूजा भी करते हैं।

सरदार पटेल मैदान में राम लीला के साथ 35 फीट ऊंचे रावण के पुतले का किया जाएगा दहन

विजय दशमी पर जिला मुख्यालय के सरदार पटेल मैदान में राम लीला के साथ 35 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। वहीं शहर में रावण के पुतला दहन की तैयारी भी जोर शोर से चल रही है। इस बार भी नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा इस आयोजन में अतिथि नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे आयोजक हैं तो अतिथि कैसे हो सकते हैं। मुख्य अतिथि विधायक संगीता सिन्हा, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य यशवंत जैन, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा होंगे।

शाम 7 बजे निकलेगी शोभायात्रा, 8 बजे रावण दहन

पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने बताया कि शाम 7 बजे राम रावण की शोभायात्रा रथ में बैठाकर निकाली जाएगी। नगर भ्रमण कर बाजे गाजे के साथ आयोजन स्थल में प्रवेश करेंगे। जहां राम लीला के मंचन के बाद रावण के पुतला दहन किया जाएगा। इस दौरान बजरंग अखाड़ा दल हैरतअंगेज करतब व अखाड़ा व्यायाम प्रदर्शन करेंगे। साथ ही रंग बिरंगी आतिशबाजी भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस दिन शहर के कुंदरूपारा, पाररास में भी रावण का पुतला दहन किया जाएगा। जिसकी तैयारी चल रही है।

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