अच्छी बारिश के लिए अभी इतने घंटे आैर करना पड़ेगा इंतजार, मौसम विभाग ने जतार्इ संभावना बता दें कि मामला गुरुवार का है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार निवासी मीना काम की तलाश में किसी परिचित के साथ दिल्ली आई थी। काफी तलाश के बाद भी उसे कहीं कोई काम नहीं मिल पाया। इधर, उसके पैसे भी खत्म हो चुके थे। अब उसे यह चिंता सता रही थी कि वह वापस घर कैसे जाएगी। वहीं माहौल भी ऐसा नहीं है कि वह सड़क पर रात गुजार सके। मीना ने बताया कि उसके पास रात को रुकने के लिए कोई जगह नहीं थी। वहीं अकेले होने के चलते उसे डर भी लग रहा था। इसलिए वह जिला अस्पताल में आकर बैठ गई।
किसानाें के लिए अच्छी खबर, 2019 से पहले शुरू हुई ये याेजना, किसान लगाएंगे यूनिट ताे अनुदान देगी सरकार मीना ने आगे कहा कि उसको कोई जिला अस्पताल से बाहर नहीं निकाले इसलिए उसने एक रुपये में ओपीडी की पर्ची बनवा ली और वहीं बैठ गई। गुरुवार दोपहर 2 बजे के बाद ओपीडी खाली हो चुकी थी। इसलिए वह चुपचाप एक कोने में छिपकर बैठ गई। गनीमत रही कि किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी और इस तरह उसने बैठे-बैठे ही पूरी रात गुजार दी। सुबह जब वह सो रही थी तो गार्ड ने उसको उठाते हुए कारण पूछा तो उसने आपबीती बताई। उसने गार्ड से कहा कि उसके घर वाले उसे लेने आएंगे। उसके पास कपड़ों का बैग भी था।
सैकड़ों कर्मियों ने घेरा भाजपा के इस सांसद का आवास, लगाए गंभीर आरोप, दिल्ली तक मचा हड़कंप इसकी जानकारी गार्ड ने अस्पताल प्रशासन को दी तो उन्होंने महिला के घर जाने का इंतजाम कर रेलवे स्टेशन छुड़वाया। इस तरह मीना अपने घर के लिए रवाना हो सकी। मीना के अनुसार उसके पति ने उसे छोड़ दिया है। वह अब बिहार में ही माता-पिता के साथ रहती है। पिछले कई महीने से माता-पिता की तबियत भी खराब चल रही है। इससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गई थी। इसलिए घर का गुजारा चलाने के लिए वह काम की तलाश में यहां आई थी।